वाल्मीकि नगर से विवेक कुमार सिंह की रिपोर्ट..
बगहा/वाल्मीकिनगर। बुधवार की सुबह जंगल सफारी के दौरान दुर्गापुर पश्चिम बंगाल से आए पर्यटकों के गाडी सामने तेंदुआ आ गया। सुबह-सुबह तेंदुआ के दीदार करके पर्यटक रोमांचित हो उठे। उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
सड़क पार करता दिखा तेंदुआ
सुबह-सुबह जैसे ही पर्यटक जंगल में सफारी के लिए निकले। तभी पर्यटकों को एक तेंदुआ विचरण करता हुआ नजर आ गया।
तेंदुआ को देखकर खुश हुए पर्यटक
तेंदुआ को देखकर पर्यटक उसकी फोटो खींचने लगे। वैसे इतनी आसानी से सुबह तेंदुआ के दीदार से पर्यटक गदगद हो गए। पर्यटकों ने टाइगर रिजर्व का पूरा आनंद लिया। करीब से तेंदुआ को देख कर पर्यटक गदगद हो गए। उनका कहना था कि पर्यटन के लिए वीटीआर का चुनाव करना सार्थक रहा। इतना ही नहीं, सफारी के दौरान पर्यटकों ने हिरण, सूअर,चीतल, मोर और अन्य वन्यजीवों का भी दीदार किया। दुर्गापुर से वाल्मिकी टाइगर रिजर्व के वाल्मीकिनगर रेंज में पूरे परिवार के साथ जंगल सफारी के लिए पहुंचे सुमंत घोष ने बताया कि पहले दिन ही मुझे और मेरे पूरे परिवार को तेंदुए का दीदार हो गया।हालांकि इस शानदार जीव से सामना होने की उम्मीद हमें बिलकुल भी नहीं थी, लेकिन उसका अचानक से हमारे सामने आ जाना रोमांचक पल था।
विश्व पटल पर बन रही वीटीआर की अपनी पहचान
बिहार का कश्मीर कहे जाने वाला वाल्मीकिनगर विश्व पटल पर अपना पहचान बनाता जा रहा है।आए दिन देश -विदेश से पर्यटक वाल्मीकिनगर खुबसूरत वादियों का दीदार करने के लिए वाल्मीकिनगर पहुंच रहे हैं। किसी भी टाइगर रिजर्व में सफारी के लिए आने वाले पर्यटक बाघ के दीदार की हसरत ले कर आते हैं।हालांकि, कुछ खुशकिस्मत सैलानी ही होते हैं जिन्हे जंगल सफारी में बाघ/ तेंदुआ देखने का मौका मिलता है।
मामला बुधवार की सफारी के दौरान का है जहां पर्यटक टाइगर सफारी का लुत्फ उठा रहे थे। इसी दौरान तेंदुआ जंगल से निकल कर सफारी रूट पर आ गया। तेंदुआ जिप्सी के बिल्कुल करीब आया तो पर्यटकों की उत्सुकता बढ़ी। वीटीआर में एक अद्वितीय दृश्य देखने को मिला। तेंदुआ देखकर पर्यटकों की खुशी का कोई ठिकाना नहीं था। यह दृश्य न केवल पर्यटकों के लिए, बल्कि रिजर्व के कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए भी उत्साहवर्धक है। इससे पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होने की संभावना है और यह रिजर्व के लिए भी एक शानदार अवसर है। लगभग 900वर्ग किलोमीटर में फैला वीटीआर विविधताओं से भरा हुआ है। यहां लगभग 54 से अधिक बाघ एवं 100 से अधिक तेंदूआ पाए जाते हैं। इनके दीदार के लिए भारी मात्रा में देशी व विदेशी पर्यटक वीटीआर पहुंच रहे हैं। अधिकांश पर्यटक बाघ, तेंंदुए की झलक पाने की उम्मीद में वीटीआर पहुंचते हैं।इस बाबत वाल्मीकिनगर रेंजर श्रीनिवासन नवीन ने बताया कि यहां बाघों की संख्या के साथ-साथ तेंदुए की संख्या भी लगातार बढ़ रही है।इनकी संख्या बढ़ने का मुख्य कारण यहां का एटमॉस्फेयर है।यहां का वातावरण बाघों एवं तेंदुआ के लिए के लिए सटीक माना जा रहा है। यहां पर्यटकों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है।