आरडीएस पब्लिक स्कूल में वार्षिकोत्सव आयोजित, बच्चों ने प्रस्तुत किए सांस्कृतिक कार्यक्रम

Chhapra: छपरा शहर के आरडीएस पब्लिक स्कूल में वार्षिकोत्सव कार्यक्रम का हुआ आयोजन। इस अवसर पर विद्यालय के बच्चों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी।

वार्षिकोत्सव समारोह का शुभारंभ मुख्य अतिथि जय प्रकाश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो परमेंद्र कुमार वाजपेई ने दीप प्रज्जवलित कर किया। इस अवसर पर राम जयपाल महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ रवि प्रकाश बबलू, कांग्रेस नेता अनिल सिंह, विद्यालय के निदेशक जगदीश सिंह, डॉ सरोज सिंह, डॉ सत्येन्द्र सिंह, डॉ धर्मेन्द्र सिंह समेत गणमान्य लोग और अभिभावक उपस्थित थे।

मुख्य अतिथि कुलपति प्रो परमेंद्र कुमार वाजपेई ने कहा कि भारत में शिक्षा कभी भी सरकारों का काम नहीं रही। प्राचीन भारत से लेकर आज तक जब भी शिक्षा सरकारों के हाथ में आई उसमें विकृति आ गई। इसलिए भारत में शिक्षा व्यवस्था को ठीक करना है तो इसे समाज को देना होगा। शिक्षा समाज आधारित होनी चाहिए। शिक्षा में भारतीयता, स्थानीयता, भवनात्मकता तभी आएगी जब शिक्षा का भार समाज उठाएगा।

उन्होंने कहा कि बच्चों के अंदर संस्कार की कमी आधुनिक विकृतियों को जन्म देगी। इस लिए जरूरी है की उसे संस्कारित किया जाए। उन्होंने कहा कि शिक्षा का अर्थ सिर्फ रोजगार बनकर रह गया है। इस शिक्षा को बदलना है। शिक्षा रोजगार दे यह शिक्षा का उद्देश्य हो ही नहीं सकता। व्यक्ति जब अवसर हासिल करता है, व्यक्ति जब ज्ञान हासिल करता है, व्यक्ति के अंदर जब विवेक जागृत होता है तब वह अपनी जीविका चुन लेता है। रोजगार एक द्वितीयक परिणाम के रूप में स्वतः आ जाता है। लेकिन एक व्यक्ति बनने की प्रक्रिया, समाज के लिए श्रेष्ठ नागरिक और देश के लिए समर्पित व्यक्तित्व बनने की प्रक्रिया ही वास्तविक शिक्षा है।

वहीं राम जयपाल महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ रवि प्रकाश बबलू ने कहा कि आज कल हर जगह भारतीय ज्ञान परंपरा की बातें हो रही है। हमारी शिक्षा की जड़े संस्कृति से जुड़ी हुई हो यह जरूरी है। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति में दूसरे का भाव नहीं है। एक ही सत्ता है वह जड़ चेतन सभी में विद्यमान है। हमारी संस्कृति की नींव एकात्म भाव में है। यहाँ की शिक्षा नीति कैसी होनी चाहिए इस पर मंथन होनी चाहिए।

समारोह को संबोधित करते हुए कॉंग्रेस नेता अनिल सिंह ने कहा कि बच्चों के सर्वांगीण विकास में विद्यालय अपनी भूमिका निभा रहा है।

बच्चों ने प्रस्तुत किए सांस्कृतिक कार्यक्रम

इसके बाद विद्यालय के छात्रों ने विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमों का प्रदर्शन किया, जिसमें नृत्य, गायन, नाटक और रंगारंग प्रस्तुतियाँ शामिल थीं। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों की कला और संस्कृति में रुचि को बढ़ावा देना था। स्कूल के निदेशक जगदीश सिंह ने छात्रों की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से बच्चों की रचनात्मकता और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। साथ ही, वार्षिकोत्सव के दौरान विभिन्न श्रेणियों में बच्चों को पुरस्कार भी दिए गए, जिन्होंने अपनी पढ़ाई और सह-शैक्षिक गतिविधियों में बेहतरीन प्रदर्शन किया।

कार्यक्रम में स्कूल के शिक्षकों और अभिभावकों ने भी भाग लिया और बच्चों का उत्साहवर्धन किया।

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