कल्चरल और कम्युनिटी पुलिसिंग डॉ कुमार आशीष की पहचान: डॉ कमाल अहमद

Chhapra: जदयू शिक्षा प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष और जय प्रकाश विश्वविद्यालय के प्राध्यापक डॉ कमाल अहमद ने कहा कि हाल ही में स्वर्ण व्यवसायी से पैसों की लूट मामले में मकेर थानाध्यक्ष एवं अन्य पुलिसकर्मी की संलिप्तता उजागर करने और त्वरित प्रशासनिक एक्शन लेने के मामले में सारण के पुलिस कप्तान डॉ कुमार आशीष बधाई के पात्र हैं। यह प्रकरण दर्शाता है कि आपराधिक कृत्य करने वाला कोई भी व्यक्ति हो, एसपी साहब दोषियों को सजा और पीड़ितों को न्याय प्रदान करने की दिशा में पूरी तत्परता से कार्य करेंगे।

उन्होंने कहा कि भारतीय पुलिस सेवा के 2012 बैच के अधिकारी कुमार आशीष बेहद ही सौम्य, मिलनसार तथा धरती से जुड़े हुए अधिकारी हैं। बिहार के जमुई जिला के गांव सिकंदरा से जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली तक का उनका सफर संघर्ष और समर्पण का साक्षी रहा है। जेएनयू से
फ्रेंचभाषा में उच्च शिक्षा प्राप्त कर चुके कुमार आशीष को शुरू से ही अध्ययन-अध्यापन का शौक रहा है।

डॉ कुमार आशीष मधेपुरा, नालंदा, किशनगंज, मोतिहारी के एसपी और मुजफ्फरपुर के रेल एसपी रह चुके हैं।सभी जगह नागरिक हितैषी पुलिस अधिकारी के रूप में उनकी पहचान रही है। डॉ कमाल अहमद ने बताया कि मुजफ्फरपुर रेल एसपी रहते हुए कुमार आशीष ने स्टेशन पर घूमने वाले लावारिस बच्चों के लिए फ्री में ‘रेल पुलिस पाठशाला’ की शुरुआत की थी। कल्चरल और कम्युनिटी पुलिसिंग के क्षेत्र में उनके योगदान की सराहना देश-प्रदेश में होती रही है। उन्हें केंद्रीय गृह मंत्री प्रदत्त सर्वोत्कृष्ट अनुसंधान पदक 2020 प्राप्त हो चुका है।

डॉ अहमद ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि मई 2024 में छपरा एसपी के रूप में पदभार ग्रहण करने के बाद कुमार आशीष के कुशल नेतृत्व में छपरा के रसूलपुर थाना क्षेत्र के तिहरे हत्याकांड की बीएनएस कानून के तहत स्पीडी ट्रायल में 50 दिनों में दोषियों को सजा दिलाई गई थी। इस कानून के तहत सजा दिलाने में देश का यह पहला मामला था। केंद्रीय नेतृत्व ने भी बिहार पुलिस की इस ऐतिहासिक उपलब्धि की सराहना करते हुए इसे अनुकरणीय बताया था और इस मॉडल को सभी जगह लागू करने का सुझाव भी दिया था।

जेएनयू में कुछ वर्षों तक सहपाठी रहे डॉ कुमार आशीष के प्रति आभार व्यक्त करते हुए डॉ कमाल अहमद ने कहा कि क्राइम कंट्रोल ही डॉ कुमार आशीष की यूएसपी रही है। सारण को आज ऐसे ही कर्मठ, ईमानदार, कर्तव्यनिष्ठ और प्रतिबद्ध पुलिस कप्तान की जरूरत है, ताकि लोग निर्भीक और निडर होकर खुद को सुरक्षित महसूस कर सकें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *