एनक्यूएएस सर्टिफिकेशन से बदल रही है आयुष्मान आरोग्य मंदिर की तस्वीर

एनक्यूएएस सर्टिफिकेशन से बदल रही है आयुष्मान आरोग्य मंदिर की तस्वीर
• सारण के दो आयुष्मान आरोग्य मंदिरों को मिला राज्य स्तरीय एनक्यूएएस प्रमाणीकरण
• अब नेशनल प्रमाणीकरण के लिए किया जायेगा आवेदन
• ग्रामीणों को घर के पास मिल रही है उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं
छपरा: सुदुर ग्रामीण इलाके के लोगों को घर के पास हीं उच्च गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराना सरकार के प्राथमिकताओं में शामिल है। जिले में आयुष्मान आरोग्य मंदिर (हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर) पर मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल रही है। स्वास्थ्य सेवाओं के गुणवत्ता में सुधार के लिए राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक के तहत प्रमाणीकरण किया जा रहा है। राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक के तहत प्रमाणीकरण से आयुष्मान आरोग्य मंदिरों की तस्वीर बदल रही है। जिले के दो आयुष्मान आरोग्य मंदिरों को राज्य स्तरीय राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक के तहत प्रमाणीकरण किया गया। जिले के मांझी प्रखंड के मटियार आयुष्मान आरोग्य मंदिर को राज्य स्तरीय असेस्मेंट में 89 प्रतिशत तथा सोनपुर के गोविन्दचक आयुष्मान आरोग्य मंदिर को 84 प्रतिशत अंक मिला है। अब नेशनल सर्टिफिकेशन के लिए आवेदन किया जायेगा। जिसके बाद नेशनल टीम असेस्मेंट करेगी।
कई महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर असेस्मेंट करती है विशेष टीम:
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम अरविन्द कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण-पत्र प्रदान करने के लिए विशेषज्ञों की टीम द्वारा आयुष्मान आरोग्य मंदिर की सेवाओं और संतुष्टि स्तर का विभिन्न मानकों पर मूल्यांकन किया जाता है। इनमें उपलब्ध सेवाएँ, मरीजों के अधिकार, इनपुट, सपोर्ट सर्विसेस, क्लिनिकल सर्विसेस, इन्फेक्शन कंट्रोल, गुणवत्ता प्रबंधन और आउटकम जैसे पैरामीटर शामिल हैं। प्रमाणीकरण के लिए कम से कम 70 प्रतिशत अंक अनिवार्य होता है। इन कड़े मानकों पर खरा उतरने वाले आयुष्मान आरोग्य मंदिर को ही गुणवत्ता प्रमाण-पत्र जारी किये जाते हैं।
स्वास्थ्य सेवाओं को वैश्विक सर्वोत्तम मानकों के अनुरूप ढालना:
डीपीसी रमेश चंद्र कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक का उद्देश्य सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं को वैश्विक सर्वोत्तम मानकों के अनुरूप ढालना है। इसके तहत स्वास्थ्य केंद्रों के लिए पूर्व निर्धारित मानकों के आधार पर मूल्यांकन किया जाता है। इन मानकों में साफ-सफाई, मरीजों को मिलने वाली सुविधाएं, उपकरणों की स्थिति, उपचार की प्रक्रिया और रोगियों की संतुष्टि शामिल हैं। साथ ही, मानक संचालन प्रक्रियाओं और प्रोटोकॉल के पालन की भी जांच की जाती है। एनक्वास का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य केंद्रों को अपनी गुणवत्ता का आकलन करने और उसे सुधारने के लिए प्रेरित करना है, ताकि नागरिकों को उच्चतम स्तर की चिकित्सा सेवाएं मिल सकें।
151 प्रकार की दवा और 14 प्रकार की जांच की सुविधाएं:
मांझी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. रोहित कुमार ने बताया कि आयुष्मान आरोग्य मंदिर पर (हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर) पर 151 प्रकार का दवा, 14 प्रकार के जाँच की सुविधाएं, टीकाकरण, प्रसव पूर्व जाँच, परिवार नियोजन की सेवा, ओपीडी, संचारी रोग, गैर संचारी रोग, मानसिक स्वास्थ्य, पीने का पानी, हर्बल गार्डन, शौचालय, अग्निश्मन यंत्र के साथ स्वच्छ वातावरण में गुणवत्ता पूर्ण सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रहीं है। बीमारियों की जांच के लिए 14 प्रकार की जांच सुविधा उपलब्ध है। यहां पर मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करायी जा रहा है।

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