नागरिकता रजिस्टर का काम शीघ्र प्रारंभ हो व पाकी नागरिकों व उनके स्लीपर सेलों को बाहर खदेड़ा जाए : विहिप


 

NEW DELHI – विश्व हिन्दू परिषद ने आज मांग की है कि भारत में नागरिकता रजिस्टर बनाने की प्रक्रिया तुरंत प्रारंभ कर पाकिस्तानी नागरिकों के साथ उनके स्लीपर सेलों को सीमा पार खदेड़ा जाए. विहिप के केन्द्रीय संयुक्त महा मंत्री डॉ सुरेन्द्र जैन ने कहा कि पहलगाम में जिहादी आतंकवादियों द्वारा हिंदुओं के निर्मम नरसंहार के बाद केंद्र सरकार ने जो कठोर कदम उठाए हैं, उनके कारण कई राष्ट्र विरोधी षड्यंत्र उजागर भी हो रहे हैं, जो दशकों से देश की जड़ों को खोखला कर रहे थे. उन्होंने कहा कि ऐसी लाखों महिलाएं सामने आई हैं जिनके शौहर पाकिस्तानी मुसलमान हैं व वहीं के पासपोर्ट धारी भी हैं. लेकिन वे महिलाएं और उनके बच्चे भारत के नागरिक हैं.

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ऐसे हजारों और भी मामले हैं जिसमें भारतीय मुस्लिम महिला ने किसी पाकिस्तानी से शादी की और खुद भी पाकिस्तान की नागरिकता ली लेकिन बच्चों को भारत की ही नागरिकता दिला रखी है. ये सब लोग भारत में मिल रही सुविधाओं का तो लाभ ले ही रहे हैं, ये भारत के पैसे पर पलकर भारत की ही जड़ों पर आघात कर रहे हैं. ये पाकिस्तान से सहानुभूति रखते है और ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ जैसे नारों पर भड़ककर हिंसक हो जाते हैं. ये पाकिस्तानी स्लीपर सेल हैं जिन्हें अबिलंब सीमा पार खदेड़ा जाना बहुत जरूरी है. विहिप की मांग है कि अब भारतीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) शीघ्र बनना चाहिए. जो भी भारत के अधिकृत नागरिक नहीं है,

उनके राशन कार्ड, आधार कार्ड या वोटर कार्ड की गहन जांच होनी चाहिए और उनको रद्द करके इन लोगों को भारत से निष्कासित करना चाहिए. उन्होंने कहा कि आगामी जनगणना के साथ-साथ एनआरसी भी बन जाए और भारत के दुश्मनों व उनके स्लीपर सेल को तत्काल प्रभाव से भारत से बाहर निकाल दिया जाए, यह जरूरी है. अब समय आ गया है कि जो भी भारत विरोधी गतिविधियों में संलिप्त हैं, उन्हें भारत में ना रहने दिया जाए. डॉ जैन ने यह भी कहा कि दुर्भाग्य से कुछ लोग ऐसे षड्यंत्र करने वालों को रोते-धोते दिखाकर उनके प्रति संवेदना निर्माण करने का प्रयास कर रहे हैं. उन्हें ध्यान रखना चाहिए कि इन राष्ट्र विरोधियों के ये षड्यंत्र कई दशकों से चल रहे हैं और लाखों महिलाएं भी इसमें संलिप्त हैं. जिहादी-सेकुलर ताकतों के अपवित्र गठजोड़ भी उनकी सहायता करते रहे हैं. अब, जबकि इनका पर्दाफाश हो गया है, ये संवेदना के नहीं, भारत से निष्कासन के पात्र हैं.

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