पूर्व मुख्यमंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर सामाजिक न्याय के प्रणेता ही नहीं गरीबों, शोषितों व दलितों के मसीहा थे ; हर्षोल्लास के साथ मनायी गई 101वीं जयंती


CHHAPRA DESK –  जननायक कर्पूरी ठाकुर विकास सेवा संस्थान के तत्वाधान में पूर्व मुख्यमंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर की 101वीं जयंती हर्षोल्लास के साथ मनायी गई. सारण जिला के अमनौर बस स्टैंड के समीप स्थापित कर्पूरी ठाकुर की आदम कद प्रतिमा पर संस्थान के संस्थापक सचिव उमेश शर्मा, जन सुराज के जिला मुख्य प्रवक्ता कुलदीप महासेठ सहित कई बुद्धिजीवी, समाजसेवियों ने मालार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया. उस मौके पर वक्ताओं ने उनके कृतित्व व व्यक्तिव पर प्रकाश डाला. सचिव श्री शर्मा ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर जीवन भर समाज के उत्थान के लिए काम करते रहे. राजनीतिक जीवन मे उन्होंने कई चुनौतियों को पार कर कई उपलब्धियों को हासिल किया.

Add

वहीं कुलदीप महासेठ ने कर्पूरी ठाकुर को महान स्वतंत्रता सेनानी, सामाजिक न्याय के प्रणेता, गरीबों, शोषितों, वंचितों, पिछड़ों और दलितों के मसीहा बताते हुए कर्पूरी के विचारो के साथ आगे चलने के लिए लोगों से आह्वान किया. कार्यक्रम में मुख्य रूप से पूर्व मुखिया बिजय कुमार विद्यार्थी जन सुराज के प्रदेश के नेता राम पुकार मेहता, देवेन्द्र शर्मा, अमरेंद्र नारायण ललन, पंकज मिश्रा, राजीव कुशवाहा,अरुण सिंह, विनोद सिंह, संजीव सिंह, जुन्नालाल यादव, बिरला प्रसाद, बिनोद कुशवाहा, लालबाबू राय, समेत दर्जनों बुद्धिजीवी लोगों ने कर्पूरी ठाकुर के आदम कद पर पुष्प अर्पण कर नमन किया व कहा कि सच्चे मायने में कर्पूरी ठाकुर गरीबों के हितैषी थे.

वहीं, जिला के मढ़ौरा अंबेडकर पार्क में जन नायक कर्पूरी ठाकुर की 101वीं जयंती सादे समारोह के साथ मनाई गई. सर्व प्रथम जननायक के तैल चित्र पर पुष्पांजलि कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रो भूपेश भीम ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर स्वतंत्रता संग्राम के दौर में अपनी गिरफ्तारी से राजनीति में प्रवेश किए और आचार्य नरेंद्र देव और जयप्रकाश नारायण के साथ समाजवादी विचारों से जुड़ कर सोसलिस्ट पार्टी की राजनीति शुरू किया. उनका प्रसिद्ध नारा था सौ में नब्बे शोषित है, शोषितो ने ललकारा है, धन, धरती और राजपाट में नब्बे भाग हमारा है. आज उनकी जयंती पर हमे उनके विचारों पर मनन करना चाहिए. शिव कुमार गुप्ता ने कर्पूरी ठाकुर के संघर्ष और उपलब्धियों पर विस्तृत रूप से प्रकाश डालते हुए कहा कि कर्पूरी अपने विचारो के प्रति अडिग थे.

जीते जी अपने पुत्र को राजनीति से दूर रखा. उन्होंने हिंदी और उर्दू के साथ सरकारी काम काज को प्रोत्साहन दिया. मैट्रिक तक निशुल्क शिक्षा घोषित किया. संजय कुमार सिंह ने कहा कि कर्पूरी जी सादा जीवन उच्च विचार वाले व्यक्ति थे. इन्ही विचारो को लेकर भारत सरकार ने उन्हें मरणोपरांत भारतरत्न से विभूषित किया. वीर आदित्य ने उन्हें जननायक की सही उपाधिधारक कहते हुए कहा कि ऐसे लोग सदियों में एक-आध पैदा होते हैं. जयंती समारोह की अध्यक्षता विष्णु गुप्ता ने किया और धन्यवाद ज्ञापन में कहा कि कर्पूरी ठाकुर के जीवन से हमे उनकी सादगी और विचारो की दृढ़ता का संकल्प लेना चाहिए.

Loading




81

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *