CHHAPRA DESK – बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के बैनर तले 102 एंबुलेंस कर्मियों का राज्य स्तरीय अनिश्चितकालीन हड़ताल सातवें दिन भी जारी रहा. जिसके कारण गरीब मरीजों की परेशानी बढी रही. वहीं एंबुलेंस कर्मियों ने सभी एंबुलेंस को अस्पताल एवं स्वास्थ्य केंद्रों में खड़ा कर दिया और सदर अस्पताल परिसर में धरना पर बैठ रहे. जहां उनके द्वारा विरोध प्रदर्शन करते हुए जमकर नारेबाजी की गई. इस संदर्भ में एंबुलेंस संघ के प्रदेश संयोजक मोब्बसीर हुसैन ने अपनी मांगो के संदर्भ मे बताया कि नये वेतन का भुगतान श्रम अधिनियम के तहत श्रमिकों को मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि जेन प्लस कंपनी के द्वारा हड़ताल तोड़ने की उन्हें धमकी दी जा रही है लेकिन वे लोग अपनी मांगों पर अडिग है.
चाहे जो भी हो जाए वह लोग अपनी मांगों से हटेंगे नहीं और वेतनमान लेकर ही रहेंगे. वे लोग अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल को तब तक जारी रखेंगे जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता है. हड़ताली कर्मचारियों ने बताया कि सभी कर्मियों को 60 वर्ष तक के उम्र सीमा तक समायोजन किया जाना चाहिए. एंबुलेंस कर्मियो चालक व तथा टेक्नीशियन की नियुक्ति पत्र के आधार पर आई कार्ड निर्गत करना चाहिए. सभी कर्मियों को वेतन के साथ-साथ समय सीमा तथा सैलरी स्लिप भी देना चाहिए. सभी एंबुलेंस का एमवीआई के द्वारा एवरेज मानक सुनिश्चित किया जाना चाहिए.
वहीं उन्होंने बताया कि दशहरा के समय भी आंदोलन जारी था लेकिन डीएम व सिविल सर्जन के आश्वासन के बाद 2 महीने का वेतन प्राप्त हुआ था तब सेवा बहाल की जा सकी थी. जिसके बाद पुन एक बार फिर वेतन को बंद कर दिया है.इस बार भी वेतन देने के नाम पर खाना पूर्ति की जा रही है. धरना पर बैठने वालों में 102 एंबुलेंस चालक विजय कुमार, लाल बाबू, लालू राय, पप्पू राय, अवनीश कुमार, राजू कुमार समेत अन्य मौजूद रहे. चार दिनों से हड़ताल के कारण जिले में 102 सेवा बंद होने के बाद मरीजों की परेशानी बढ़ गई है. ऐसी अवस्था में कोई ऐसी गंभीर मरीजों को 102 के बजाए निजी एंबुलेंस से पटना भेजा गया. वहीं निजी एंबुलेंस चालकों के द्वारा किराया को भी बढ़ा दिया गया है. जिसे गरीब मरीजों को एंबुलेंस किराया का अधिक भार पड़ रहा है.