CHHAPRA DESK – फाइलेरिया मुक्त समाज की परिकल्पना को साकार करने में जन समुदाय की भागीदारी जरूरी है. फाइलेरिया से बचाव के लिए सभी को दवा खाना है जिले को फाइलेरिया मुक्त बनाना है. उक्त बातें सारण के जिलाधिकारी अमन समीर ने सदर अस्पताल में राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत सर्वजन दवा सेवन अभियान की शुरूआत करते हुए कही. सबसे पहले जिलाधिकारी ने खुद फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन किया उसके बाद सभी उपस्थित पदाधिकारियों और कर्मियों को दवा खिलायी गयी.
इस दौरान डीएम ने हरी झंडी दिखाकर जागरूकता रथ को रवाना किया. 4 जागरूकता रथ के माध्यम से शहरी क्षेत्रों में फाइलेरिया से बचाव तथा दवा सेवन के प्रति जागरूक किया जायेगा. डीएम अमन समीर ने कहा कि फाइलेरिया पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से एक राष्ट्रव्यापी मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) अभियान शुरू किया. घर-घर जाकर फाइलेरिया रोधी दवाएं खिलायी जाएंगी. जिला को फाइलेरिया मुक्त बनाने के लिए सबसे जरूरी है कि आम जनता को जागरूक किया जाए. जैसे पोलियों का उन्मूलन जागरूकता से हुआ. इसी तरह से इसका भी होगा. फाइलेरिया एक भयावह बीमारी है, जिसके लक्षण कई साल के बाद दिखाई देता है. जिसका कोई इलाज नहीं है. इस बीमारी का बचाव ही एक उपाय है, फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन करें.
डीएम ने कहा कि यदि इस अभियान में मीडिया अपनी सकारात्मक पहल से समाज में जागरूकता फैलाए तो निश्चित तौर पर ही सारण से फाइलेरिया का उन्मूलन पूरी तरह से संभव है. क्योंकि समाज के लोग जब जागरूक होंगे. तब यह बिलकुल संभव है कि 2027 तक जिले को फाइलेरिया मुक्त किया जा सकेगा. इस मौके पर सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा, डीएमओ डॉ. दिलीप कुमार सिंह, डीएस डॉ. आरएन तिवारी, डीपीएम अरविन्द कुमार, डीवीबीडीसी सुधीर कुमार, अस्पताल प्रबंधक राजेश्वर प्रसाद, पिरामल के डिस्ट्रिक्ट लीड हरिशंकर कुमार, प्रोग्राम लीड अरविन्द पाठक, यूनिसेफ के एसएमसी आरती त्रिपाठी, सीफार के डीपीसी गनपत आर्यन, वीडीसीओ मीनाक्षी कुमारी, वीडीसीओ सुमन कुमारी समेत अन्य मौजूद थे.
37.92 लाख आबादी को खिलायी जायेगी फाइलेरिया से बचाव की दवा:
जिलाधिकारी अमन समीर ने बताया कि सारण में 37 लाख 92 हजार 159 लोगों को दवा खिलायी जायेगी. अभियान के दौरान जिले में 5 लाख 88 हजार 834 घरों को लक्षित किया गया है. दवा खिलाने के 1884 टीम गठित किया गया है. 3357 ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर, 179 सुपरवाइजर लगाये गये है. 17 दिनों तक अभियान चलेगा, शुरूआती तीन दिनों तक बूथ लगाकर दवा खिलायी जायेगी. निजी और सरकारी विद्यालयों, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, चौक-चौराहा, पंचायत भवन, सरकारी कार्यालयों, आंगनबाड़ी केंद्रों, पीएचसी, सीएचसी और स्वास्थ्य केंद्रों में बूथ लगाकर दवा खिलायी जायेगी.
खाली पेट दवा का सेवन नहीं करें:
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ दिलीप कुमार सिंह ने कहा कि अभियान के दौरान दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर बीमारी से जूझ रहे लोगों को फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन नहीं कराया जाएगा. इनके अलावा सभी उम्र के लाभुकों को उम्र और लंबाई के हिसाब से दवाओं का सेवन कराया जाएगा. डॉ. दिलीप ने बताया कि फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन सभी लोगों के लिए लाभप्रद है. आम लोग खाली पेट दवा का सेवन नहीं करें. कभी-कभी खाली पेट दवा खाने से भी कुछ समस्याएं होती हैं. आम लोगों में फाइलेरिया की दवा सेवन के साइड इफेक्ट के बारे में कुछ भ्रांतियां हैं, जिसे दूर करने की सख्त जरूरत है. फाइलेरिया की दवा सेवन से जी मतलाना, हल्का सिर दर्द व हल्का बुखार हो सकता है जो शरीर में मौजूद फाइलेरिया के परजीवी के मरने के ही कारण होता है. इसलिए दवा सेवन से किसी भी प्रकार का साइड इफेक्ट मरीज के हित में ही है. हालांकि, इसके लिए जिले के सभी प्रखंडों में क्यूआरटी का गठन किया गया है.
प्रखंड स्तर पर रैपिड रिस्पांस टीम का गठन :
सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि इस अभियान में जन-सहभागिता जरूरी है. फाइलेरिया यानी हाथीपांव एक ऐसी बीमारी है जो एक बार हो जाये तो आपको जीवन भर के लिए दिव्यांग बना देती है. हाथी पांव का इलाज संभव नहीं है. ऐसे में सभी से अपील है कि दवा स्वयं खायें और अपने परिवार के सभी सदस्यों को खिलायें. तभी फाइलेरिया मुक्त जिला का सपना साकार हो सकेगा. सर्वजन दवा सेवन अभियान की मॉनिटरिंग मोबाइल ऐप के माध्यम से की जायेगी. इसके साथ हीं प्रखंड स्तर पर रैपिड रिस्पांस टीम का गठन किया गया है, ताकि कहीं भी कोई प्रतिकूल प्रभाव सामने आने पर तुरंत रिस्पांस किया जायेगा. इसके साथ हीं सुपरविजन के लिए अलग-अलग टीम गठित की गयी है. जो क्षेत्र में जाकर अभियान के दौरान अनुश्रवण करेगी.
उम्र और हाइट के अनुसार खिलायी जायेगी दवा:
अभियान के दौरान तीन तरह की दवा खिलायी जायेगी. जिसमें डीईसी, अल्बेंडाजोल और आइवरमेक्टिन की गोली शामिल है. आइवरमेक्टिन दवा हाइट के अनुसार देना है. 90 से 119 सेमी लंबाई वाले को एक गोली, 120 से 140 सेमी लंबाई वाले को 2 गोली, 141 से 158 सेमी वाले को 3 गोली और 159 सेमी से ज्यादा चाहे जितना भी हो उसे 4 गोली देनी है. वहीं 2 से 5 वर्ष आयु वर्ग को डीईसी की एक गोली और अल्बेंडाजोल की एक गोली, 6 से 14 वर्ष आयु वर्ग को डीईसी की दो गोली और अल्बेंडाजोल की एक गोली, 15 वर्ष या उससे अधिक उम्र वाले 3 डीईसी और एक अल्बेंडाजोल की गोली देनी है.