मौसम और तापमान में उतार-चढ़ाव से सर्दी, खांसी, कै-दस्त व वायरल बुखार के मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है। सरकारी अस्पताल से लेकर निजी क्लीनिकों में ऐसे मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

एसकेएमसीएच की अधीक्षक डॉ. कुमारी विभा ने बताया कि तापमान में अचानक कमी और वृद्धि से शरीर का तापमान नियंत्रित नहीं रह पाता। इससे वायरल संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

इसके अलावा धूल और प्रदूषण भी इन बीमारियों को बढ़ावा दे रहा है। इसलिए इन दिनों अधिकांश मरीजों में बुखार, गले में खराश, सिरदर्द और शरीर में दर्द की शिकायत देखी जा रही है।

यह मौसमी वायरल इंफेक्शन का प्रभाव है। बताया कि अभी उनके यहां औसतन दो से तीन सौ के बीच मौसमी बीमारी के मरीज आ रहे हैं। उनका इलाज किया जाता है।

सदर अस्पताल के प्रबंधक प्रवीण ने बताया कि उनके यहां 150 से 200 के बीच मौसमी बीमारी के मरीज आते हैं। इस तरह के मरीजों की संख्या हाल में बढ़ी है।



