धूप व तपिश के कारण भू-गर्भीय जलस्तर के नीचे खिसक जाने से बेनीपुर प्रखंड क्षेत्र की विभिन्न पंचायतों में जल संकट गहराने लगा है. हालांकि कई वर्षों से क्षेत्र में उत्पन्न जल संकट से जूझने के लिए प्रखंड के 16 पंचायत के 234 वार्डों में मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत लगाये गये नल-जल से लोगों को अनवरत शुद्ध पेयजल उपलब्ध होने का दावा पीएचइडी कर रहा है, लेकिन धरातल पर मात्र दो महिनाम व हरिपुर पंचायत में नियमित जलापूर्ति हो रही है.

बाकी 14 पंचायत के 179 वार्डों का नल-जल कमोबेश पूरी तरह ठप पड़ा है. इधर लोक स्वास्थ्य अवर प्रमंडल बेनीपुर का दावा है कि प्रखंड में पीएचइडी की चयनित एजेंसी द्वारा 234 वार्डों के 135 नल की मरम्मत कर दी गयी है.


सभी पंचायत के मुखिया बताते हैं कि पीएचइडी द्वारा नियुक्त मरम्मत एजेंसी व विभागीय अभियंता की मिलीभगत से संचिका पर ही नल-जल की मरम्मत दिखा लाखों का वारा-न्यारा किया जा रहा है. इसकी स्थलीय जांच उच्चस्तरीय अधिकारी से करायी जाये तो हकीकत सामने आ जायेगी.


पीएचइडी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार चयनित एजेंसी ने हावीभौआर के 13, सझुआर के आठ, शिवराम के 10, बलनी के 10, हरिपुर के 10, रमौली के 12, महिनाम के दो, जरिसों के 11, अमैठी के 11, तरौनी के छह, नवादा के 11, मकरामपुर के 11, सजनपुरा के 10 व पोहद्दी के छह नल-जल को चालू कर लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है.


मुखियाें का कहना ठीक इसके विपरीत है. किसी पंचायत में दो तो किसी पंचायत में आधे-अधूरे घरों में पानी उपलब्ध हो रहा है. नवादा व जरिसों के मुखिया के अनुसार जलापूर्ति शून्य है. एक भी नल-जल से लोगों को पानी नहीं उपलब्ध हो रहा है.
