यह समस्या बिहार के दरभंगा जिले के कहुआ जगदीशपुर गांव में स्थित कमला और जीवच्छ नदियों से जुड़ी हुई है। इन नदियों में फिलहाल काफी कचरा फैला हुआ है, जिससे न केवल पर्यावरण बल्कि गांव के लोगों के स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। आइए, इसे विस्तार से समझते हैं:
1. नदियों का महत्व और स्थिति:
- कमला और जीवच्छ नदियां: ये नदियां गांव के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि ये जल स्रोत, कृषि कार्य, और अन्य दैनिक जरूरतों के लिए पानी प्रदान करती हैं। साथ ही, इन नदियों के आसपास का पर्यावरण भी गांव के जीवन का हिस्सा है।
- कचरा फैलने की समस्या: इन नदियों में वर्तमान में कचरे का ढेर पड़ा हुआ है, जो न केवल नदी के पानी को गंदा कर रहा है, बल्कि आसपास के क्षेत्रों की खूबसूरती और स्वच्छता को भी प्रभावित कर रहा है। यह स्थिति अगर सुधार नहीं की जाती, तो जल संकट और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
2. गांव के मुखिया का रवैया:
- मुखिया का समर्थन न होना: इस समस्या के समाधान के लिए सबसे पहले आवश्यक है कि गांव के मुखिया, जो प्रशासनिक और सामाजिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण होते हैं, इस मुद्दे को गंभीरता से लें। लेकिन, इस मामले में, गांव के मुखिया ने कोई विशेष ध्यान नहीं दिया है।
- केवल चुनाव के समय ध्यान: मुखिया के द्वारा इस मुद्दे पर ध्यान सिर्फ वोट के समय ही दिया जाता है। चुनाव के समय, जब वोटरों से जुड़ा सवाल होता है, तब ही उन्हें गांव की समस्याएं याद आती हैं, लेकिन असल समय पर जब समाधान का अवसर होता है, तब उनकी ओर से कोई सक्रियता नहीं दिखाई देती।
3. अरविंद यादव और भरत कुमार महतो का प्रयास:
- सामाजिक प्रयास: जब गांव के मुखिया ने इस मुद्दे पर कोई ध्यान नहीं दिया, तो कुछ समाजसेवी जैसे अरविंद यादव और भरत कुमार महतो ने इसे अपने हाथों में लिया है। ये लोग मिलकर कमला और जीवच्छ नदियों को साफ करने की कोशिश कर रहे हैं।
- समर्थन की अपील: अरविंद यादव और भरत कुमार महतो दोनों समाज से अपील कर रहे हैं कि इस काम में अधिक से अधिक लोगों का सहयोग चाहिए। क्योंकि यह काम अकेले नहीं हो सकता। इसके लिए पूरे गांव के समाज को एकजुट होकर काम करना होगा।
- समाज का योगदान: इन दोनों की अपील यह है कि अगर सभी समाज, चाहे वह किसी भी जाति या वर्ग से हो, मिलकर इस सफाई अभियान में सहयोग नहीं करेंगे, तो सफलता पाना बहुत मुश्किल होगा। इसलिए वे सभी से आग्रह कर रहे हैं कि इस कार्य में हर व्यक्ति को अपनी भूमिका निभानी होगी।
4. सभी समाजों का सहयोग क्यों जरूरी है:
- सामूहिक प्रयास की आवश्यकता: इस प्रकार के बड़े कार्यों में जब समाज का हर वर्ग मिलकर काम करता है, तब ही उनका प्रभाव और सफलता संभव होती है। अगर गांव के सभी समुदायों का एकजुट सहयोग मिलता है, तो यह काम जल्दी और प्रभावी तरीके से पूरा हो सकता है।
- स्वास्थ्य और पर्यावरण पर असर: नदी की सफाई से सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि जल गुणवत्ता में सुधार होगा, जिससे पीने का पानी साफ और सुरक्षित रहेगा। साथ ही, नदी के आसपास के पर्यावरण को भी फायदा होगा। इससे गांव में बीमारियों का खतरा कम होगा और लोग बेहतर जीवन जी सकेंगे।
5. नदी की सफाई के फायदे:
- पानी की गुणवत्ता में सुधार: नदी की सफाई से पानी में मौजूद गंदगी और कचरा बाहर निकाला जाएगा, जिससे पानी साफ होगा और उसमें रहने वाली मछलियां और जल जीव स्वस्थ रहेंगे।
- स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव: गंदे पानी से होने वाली बीमारियों का खतरा कम होगा। साफ पानी का सेवन करने से लोगों का स्वास्थ्य बेहतर रहेगा, और खासकर बच्चों और बुजुर्गों को इससे काफी लाभ होगा।
- पर्यावरण की रक्षा: नदियों की सफाई से आसपास का पर्यावरण भी स्वच्छ रहेगा। प्रदूषण कम होगा और जंगलों, पेड़-पौधों की सेहत पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा। इसके अलावा, नदी के किनारे का दृश्य भी सुंदर होगा, जो गांव के पर्यटन को भी बढ़ावा दे सकता है।
6. आखिरी संदेश:
- समाज का एकजुट होना: इस काम को सफल बनाने के लिए पूरे गांव के सभी वर्गों और समुदायों का एकजुट होना बहुत जरूरी है। किसी एक व्यक्ति या एक समुदाय के अकेले प्रयास से यह कार्य पूरा नहीं हो सकता। सभी को मिलकर काम करना होगा ताकि नदियों की सफाई की प्रक्रिया पूरी हो सके।
- एक सकारात्मक उदाहरण स्थापित करना: अगर यह सफाई अभियान सफल होता है, तो यह समाज के लिए एक प्रेरणा बनेगा और अन्य गांवों के लिए भी एक उदाहरण प्रस्तुत करेगा कि कैसे सभी मिलकर अपने आसपास के पर्यावरण को सुधार सकते हैं।
इसलिए, यह जरूरी है कि अरविंद यादव, भरत कुमार महतो और अन्य समाजसेवियों के प्रयासों को सारा गांव समर्थन दे, ताकि कमला और जीवच्छ नदियों की सफाई का कार्य सफल हो सके और इसके लाभ पूरे समाज को मिले।