बिहार में देश का पहला टेनिस अकादमी खोलेंगे महेश भूपति

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहार में खेल प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। यदि इन्हें उचित संसाधन, बेहतरीन प्रशिक्षण और सरकार तथा अभिभावकों का सहयोग मिले तो यहां से भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर के टेनिस खिलाड़ी उभर सकते हैं। इसी दिशा में महत्वपूर्ण पहल करते हुए दुनिया के पूर्व नंबर वन डबल्स टेनिस खिलाड़ी महेश भूपति ने पटना संग्रहालय में यह घोषणा की कि बिहार में इसी वर्ष टेनिस अकादमी खोली जाएगी। इस अकादमी में योग्य कोचों की व्यवस्था की जाएगी। जिससे राज्य में टेनिस को बढ़ावा मिल सके।

महेश भूपति ने कहा कि देश में टेनिस में चैंपियंस तैयार करने के लिए कोई संगठित प्रणाली नहीं है। उन्होंने क्रिकेट का उदाहरण देते हुए बताया कि बीसीसीआई अंडर-14, अंडर-16 और अंडर-19 टूर्नामेंट्स के माध्यम से युवा प्रतिभाओं को तैयार करता है। लेकिन टेनिस में ऐसा कोई संगठित सिस्टम नहीं है। उसे लेकर वह पिछले 20 वर्षों से आवाज उठा रहे हैं।

इस चर्चा में खेल विभाग के अपर मुख्य सचिव बी. राजेंदर, बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक रवींद्रण शंकरण और खेल विभाग के निदेशक महेंद्र कुमार भी उपस्थित थे। उन्होंने बिहार में टेनिस खेल के विकास पर विस्तार से चर्चा की और इसे बढ़ावा देने की योजनाओं पर सहमति जताई। वहीं कहा कि राज्य में टेनिस के विकास की संभावनाओं पर गहराई से विचार किया जाएगा और इस वर्ष ही एक सक्षम योजना बनाकर उस पर गंभीरता से अमल किया जाएगा।

महेश भूपति ने बताया कि टेनिस में सफलता प्राप्त करने के लिए मेहनत, लगन और धैर्य बहुत जरूरी हैं। इस खेल में प्रतिभाओं को निखारने में 10-12 वर्ष की उम्र से शुरू करके कम से कम सात से आठ साल लग जाते हैं। इस दौरान कई बार निराशा और हताशा के क्षण आते हैं। लेकिन खिलाड़ी को अपने बड़े लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए निरंतर अभ्यास करते रहना चाहिए।

उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि जब वह 15 साल के थे। तब शुरुआती 14 टूर्नामेंट हार गए थे। जिससे वह निराश हो गए थे। लेकिन उनके माता-पिता ने उनका मनोबल बढ़ाया और उन्होंने मेहनत जारी रखी। जिसका परिणाम आज उनके शानदार करियर के रूप में दुनिया के सामने है।

महेश भूपति ने कहा कि टेनिस एक व्यक्तिगत खेल है। इसलिए इसमें प्रशिक्षकों की बहुत कमी है। इस खेल को बढ़ावा देने के लिए सरकार को अच्छे प्रशिक्षकों को तैयार करने और इस खेल के लिए अनुकूल माहौल बनाने की दिशा में गंभीर प्रयास करने चाहिए। बिहार में टेनिस को लेकर जो सकारात्मक पहल हो रही है, उससे उम्मीद है कि आने वाले समय में यहां से भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी उभरेंगे।

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