सिद्धाश्रम में गूंजा हर-हर महादेव, शिव बारात में शामिल हुए हजारों शिवभक्त

रामरेखा घाट से लेकर बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ धाम तक उमड़ा श्रद्धा का सैलाब                                         बक्सर खबर। महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर सिद्धाश्रम के शिवालयों में भक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ा। पूरे बक्सर शहर में “हर-हर महादेव” के जयकारों की गूंज सुनाई दी। श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान कर पवित्र गंगाजल से भगवान शिव का जलाभिषेक किया। सबसे अधिक भीड़ रामरेखा घाट स्थित श्री रामेश्वर नाथ मंदिर में देखी गई, जहां महिलाएं और पुरुषों के लिए अलग-अलग जलाभिषेक की व्यवस्था की गई थी।

महाशिवरात्रि के अवसर पर जिले के प्रसिद्ध शिव मंदिरों में आस्था का महासंगम देखने को मिला। नाथ बाबा मंदिर, गौरीशंकर मंदिर, सिद्धनाथ घाट शिव मंदिर और बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ धाम में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। भक्तजन सुबह से ही लंबी कतारों में लगकर भोलेनाथ का जलाभिषेक करते रहे। पूरा वातावरण “हर-हर महादेव” और “बम-बम भोले” के नारों से गूंजायमान हो गया।

खलासी मोहल्ला द्वारा निकाली गई शिव बारात

महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर शहर में खलासी मोहल्ला और कोईरपुरवा मोहल्ला की ओर से भव्य शिव बारात निकाली गई, जिसने पूरे शहर का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। अपराह्न 11 बजे ज्योति प्रकाश चौक के समीप से निकली यह बारात शहर के स्टेशन रोड, बाजार समिति रोड, वीर कुंवर सिंह चौक, पीपी रोड, मुनीम चौक, ठठेरी बाजार और यमुना चौक होते हुए देर रात क्रमशः पंचमुखी शिव मंदिर और गौरीशंकर मंदिर पहुंची।

रामेश्वर नाथ मंदिर में भगवान भोलेशंकर को जलाभिषेक करने के लिए लगीं श्रद्धालुओं की लंबी कतार

शिव बारात में भगवान भोलेनाथ की विशाल प्रतिमा, भव्य झांकियां, हाथी-घोड़े और ऊंटों का काफिला आकर्षण का केंद्र रहे। बारात के साथ चल रही बनारस की प्रसिद्ध लीला मंडली द्वारा जगह-जगह मसान की होली का मंचन किया गया, जिसे देख श्रद्धालु भाव-विभोर हो उठे।

शिव बारात देखने के लिए सड़क किनारे लगी महिलाएं व बच्चों की भीड़

शिव बारात में हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। बैंड-बाजे, डीजे और ढोल-नगाड़ों की धुन पर भक्त झूमते नजर आए। जगह-जगह भक्तों ने शिविर लगाकर प्रसाद, शरबत, हलुआ, फल और पानी का वितरण किया। पूरे शहर में भक्तिमय माहौल बना रहा। शिवालयों में देर रात तक पूजा-अर्चना होती रही और श्रद्धालु भगवान शिव की महिमा में लीन रहे।

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