बिहार भू सर्वे अभियानः अब घर-घर जाकर स्वघोषणा लेंगे सरकारी अमीन

राजगीर (नालंदा दर्पण)। बिहार में भू सर्वे अभियान को गति देने के लिए राज्य सरकार ने एक अहम कदम उठाया है। अब सभी अमीनों को अपने-अपने गांव में घर-घर जाकर रैयतों से स्वघोषणा प्राप्त करने का निर्देश दिया गया है। भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय ने यह फैसला सर्वे प्रक्रिया को और अधिक सुलभ और तेज़ी से पूरा करने के उद्देश्य से लिया है।

सर्वे निदेशालय की वेबसाइट पर अब रैयतों को अपनी स्वघोषणा और वंशावली अपलोड करने में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी। राज्य के सभी नौ प्रमंडलों के सर्वर को अपडेट कर दिया गया है। अब दस्तावेज़ स्टोरेज की समस्या का समाधान हो गया है। अब प्रत्येक प्रमंडल का अलग सर्वर काम कर रहा है। जिससे डाटा स्टोरेज प्रक्रिया सुचारु रूप से हो सकेगी।

तकनीकी समस्याओं को लेकर कुछ जिलों में शिकायतें मिली थीं। जिन्हें दूर करने के लिए तकनीशियनों को तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही सर्वे निदेशालय की वेबसाइट में नए बदलाव किए गए हैं। जिसमें अब यूजर्स को जिले के रूप में विकल्प मिलेगा। आवेदन जिले के प्रमंडल के लिए आरक्षित डाटा स्टोर में सुरक्षित किया जाएगा। जिससे डिजिटाइज्ड और स्कैंड डाटा को स्टोर करने में कोई बाधा न हो।

निदेशक ने जूम के जरिए सभी 38 जिलों के बंदोबस्त पदाधिकारियों से संवाद किया और यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया कि स्वघोषणा प्राप्त करने का अभियान तेज किया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि ऑफलाइन प्राप्त सभी स्वघोषणाओं को इसी सप्ताह ऑनलाइन किया जाए।

निदेशालय ने सर्वे कर्मियों के त्यागपत्र और अनापत्ति से जुड़ी समस्याओं पर भी संज्ञान लिया। बड़ी संख्या में सर्वे कर्मी, जो प्रोन्नति के बाद दूसरे जिले में योगदान दे चुके हैं, उन्हें अनापत्ति की आवश्यकता है। ऐसे लगभग 900 कर्मियों ने जूनियर इंजीनियर के पद पर चयन होने के बाद सर्वे कर्मी के पद से त्यागपत्र दे दिया है।

इस नए आदेश से उम्मीद की जा रही है कि बिहार में भूमि सर्वेक्षण की प्रक्रिया तेज़ी से पूरी होगी और रैयतों को समय पर उनके जमीन से जुड़े दस्तावेज़ों की जानकारी प्राप्त हो सकेगी।

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