बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। नालंदा जिले में बच्चों की शिक्षा और उनके सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखते हुए मनरेगा योजना के तहत बाला मॉडल मेंबिल्डिंग एज लर्निंग एड) आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण किया जा रहा है। इन केंद्रों का उद्देश्य बच्चों को खेल-खेल में शिक्षा देने के साथ-साथ उन्हें एक चाइल्ड फ्रेंडली माहौल प्रदान करना है।
चालू वित्तीय वर्ष में 218 आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया था। उनमें से अब तक 92 केंद्र बनकर तैयार हो गए हैं और 80 केंद्रों को विभाग को सौंपा जा चुका है। परवलपुर और राजगीर के एक-एक आंगनबाड़ी केंद्र भी तैयार हैं और उन्हें भी जल्द ही हैंडओवर करने की प्रक्रिया चल रही है।
चाइल्ड फ्रेंडली केंद्रों की विशेषताएं: मनरेगा से निर्मित ये आंगनबाड़ी केंद्र आधुनिक सुविधाओं से लैस और बच्चों के अनुकूल बनाए गए हैं। यहाँ बच्चों को न केवल शिक्षा बल्कि मनोरंजन के भी भरपूर साधन मिलेंगे। दीवारों और फर्श को बच्चों की कल्पनाशक्ति को बढ़ाने वाली सुंदर कलाकृतियों से सजाया गया है ताकि वे आसानी से और आनंद के साथ सीख सकें।
भवन में छोटे बच्चों की विशेष आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर खिड़कियाँ केवल डेढ़ फीट ऊँचाई पर बनाई गई हैं। ताकि बच्चे बाहर के दृश्य का आनंद ले सकें और कमरों में पर्याप्त प्राकृतिक रोशनी भी मिले। खिड़कियों के पास खिलौने रखने की विशेष व्यवस्था की गई है। इसके अलावा बच्चों के लिए चबूतरे, स्टेज, झूले, मेज, चौकी और बगीचे की सुविधाएं भी केंद्रों में उपलब्ध कराई गई हैं।
पोषण वाटिका और स्वच्छता: इन केंद्रों में पोषण वाटिका भी बनाई गई हैं, जहाँ विभिन्न प्रकार की मौसमी सब्जियाँ उगाई जाएगी। इससे बच्चों को स्वस्थ और पौष्टिक आहार मिलेगा और वे बागवानी के माध्यम से प्रकृति से भी जुड़ सकेंगे।
प्रखंडवार आंगनबाड़ी केंद्रों की संख्या: नालंदा जिले के विभिन्न प्रखंडों में नवनिर्मित आंगनबाड़ी केंद्रों की संख्या अस्थावां में 7, बेन में 5, बिहारशरीफ में 4, बिंद में 4, चंडी में 5, एकंगरसराय में 4, गिरियक में 7, हरनौत में 4, हिलसा में 5, इस्लामपुर में 4, करायपरसुराय में 3, कतरीसराय में 3, नगरनौसा में 7, नूरसराय में 4, परवलपुर में 5, रहुई में 7, राजगीर में 5, सरमेरा में 3, सिलाव में 4, थरथरी में 2 है।
अधिकारी की प्रतिक्रिया: नालंदा के डीडीसी श्रीकांत कुंडलीक खांडेकर ने बताया कि जिले में मनरेगा योजना के अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण तेजी से हो रहा है। जैसे-जैसे जमीन और मांग उपलब्ध हो रही है, वैसे-वैसे निर्माण कार्य पूरा किया जा रहा है।
अभी तक 92 बाला मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र बन चुके हैं। उनमें से 80 को हैंडओवर भी कर दिया गया है। इन आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण से बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा को एक नया आयाम मिलेगा और वे एक स्वस्थ और रचनात्मक वातावरण में शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे।
- बिहारशरीफ नगर में फ्लाईओवर के नीचे खाली जगह का बदलेगा नज़ारा
- Golden opportunity: बिहारशरीफ श्रम भवन परिसर में लगेगा नियोजन मार्गदर्शन मेला
- अब निजी तर्ज पर सरकारी स्कूलों में भी खुलेंगे इंटीग्रेटेड मैथ-साइंस लैब
- राजगीर ब्रह्मकुण्ड का होगा कायाकल्प, ₹49.87 करोड़ स्वीकृत
- बिहार कैबिनेट की बड़ी सौगात: हिलसा पूर्वी बायपास के लिए 2 आरओबी स्वीकृत