मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी होने का दावा तो करता है, लेकिन यहां के सरकारी स्कूलों की हालत कुछ और ही हकीकत बयां कर रही है। नगर निगम वार्ड नंबर 39, पुरानी गुदरी अंबेडकर नगर स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय, दक्षिण दास टोला की स्थिति इतनी खराब है कि वहां न तो पीने के पानी की सुविधा है, न ही बिजली और न ही शौचालय। इससे न सिर्फ बच्चे बल्कि शिक्षक भी भारी परेशानी झेल रहे हैं।

तस्वीरें देखिए इस सरकारी स्कूल की, जहां मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है। बच्चे पीने के पानी के लिए इधर-उधर भटकते हैं, शौचालय की कोई व्यवस्था नहीं होने से खासतौर पर छात्राओं को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। गर्मी के दिनों में बिना बिजली के पढ़ाई करना और भी मुश्किल हो जाता है।

स्थानीय लोगों और समाजसेवी संजय रजक ने इस बदहाली को लेकर आवाज उठाई है और शिक्षा विभाग से मांग की है कि जल्द से जल्द इस स्कूल की व्यवस्था सुधारी जाए।
“वार्ड नंबर 39 के दो सरकारी स्कूलों की हालत बहुत ही खराब है। बच्चों को न पानी मिल रहा है, न बिजली, न शौचालय की सुविधा। सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। हम प्रशासन से मांग करते हैं कि जल्द से जल्द इन स्कूलों की हालत सुधारी जाए।”
अब देखने वाली बात यह होगी कि प्रशासन इस गंभीर समस्या पर कब तक ध्यान देता है और कब तक इन बच्चों को मूलभूत सुविधाएं मिलती हैं। सवाल यह भी है कि स्मार्ट सिटी के दावे क्या सिर्फ कागजों तक सीमित हैं?
