न्यायालय और वरीय अधिकारियों के निर्देश के बाद भी नहीं हो रही जिले में किसान सलाहकारों की बहाली

-सुशासन की सरकार में कृषि विभाग का बूरा हाल, तीन माह में तीन किलोमीटर नहीं चला कागज
बक्सर खबर। कृषि विभाग का जिले में बहुत बूरा हाल है। अगर आप किसान हैं तो सच बताने की जरूरत नहीं। लेकिन, किसान हितों की अनदेखी करने वाला प्रशासन कर्मियों के साथ भी अच्छा व्यवहार नहीं कर रहा। क्योंकि इस जिले में वर्ष 2023-24 से किसान सलाहकारों के चयन की प्रक्रिया लंबित पड़ी है। इस जिले में लगभग 39 पद खाली हैं। इसके विरुद्ध 24 पदों के लिए आवेदन हुए थे। 17 की काउंसलिंग अर्थात व्यवहारिक व कागजी सत्यापन भी हुआ। लेकिन, उनका योगदान आजतक नहीं। मेधा सूची का प्रकाशन 2023 में ही कर दिया गया था।

लेकिन, वह सारे के सारे आज भी मारे-मारे फिर रहे हैं। इस विषय को लेकर पूर्व में हाई कोर्ट व प्रधान सचिव स्तर के पदाधिकारियों का आदेश भी जारी है। सूचना के अनुसार उच्च न्यायालय के डबल बेंच ने 25 नवंबर 2024 को वह सचिव ने 10 दिसंबर 2024 को विभाग ने इस जिले को आदेश दिया। 17 किसान सलाहकारों के चयन की प्रक्रिया पूरी कर योगदान कराया जाए। इसके लिए आवेदक, डीएम, स्थापना उप समाहर्ता व कृषि पदाधिकारी के कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। सेवा से पहले ही वे यह प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। सरकारी विभागों में अधिकारियों के पत्र का ऐसा हाल है। तो किसान के आवेदन को कैसे हैंडल करना है। क्योंकि सुशासन की सरकार में उन्हें अपने बड़े अधिकारियों से सीख जो मिल रही है।

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