Samastipur News : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सात निश्चय योजना का ड्रीम प्रोजेक्ट नल जल योजना शहर में रेंग रहा है। कहीं पाइप है तो पानी नहीं, कहीं पाइप फटी तो कहीं नल की टोटी टूटी, कही पानी आया तो गंदा, कहीं पाइप लाइन तो बिछी लेकिन कनेक्शन नहीं हुआ, तो कहीं वर्षो पुरानी योजना जमीन पर उतरी ही नहीं… जब शहर में ही नल जल योजना का ये हाल है, तो सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों का हाल समझा जा सकता है। आलम यह है कि नल जल योजना के क्रियान्वयन में अनियमितता और बुनियादी सुविधाओं की कमी के कारण लोगों को पानी के लिए संघर्ष करना पड़ता है। जहां नल जल की व्यवस्था है वहां पाइपलाइनों में लीकेज, पानी की आपूर्ति में बाधा और गंदा पानी मिलने जैसी समस्याएं हैं।
एक ओर जहां मानक से समझौता करके कम गड्ढा करके पाइपलाइन बिछाने का काम कर योजना की खानापूर्ति की गई। वहीं कमजोर पाइप व नल की टोटी के कारण पाइपलाइन जहां तहां पाइप फट रहे हैं, टोंटियां टूट रही है। यह सब शहर के पॅाश इलाके बंगाली टोला, बहादुरपुर, पुरानी दुर्गा स्थान,गोला रोड आदि जगहों पर हो रहा है। परंतु इसकी जवाबदेही लेने वाला कोई नहीं।
नगर निगम क्षेत्र में बहादुरपुर, गोला रोड, बड़ी दुर्गा स्थान, बंगाली टोला आदि जगहों पर सड़क किनारे लगे नलों की टोटी महीनों से टूटी हुई है, जिसके कारण प्रतिदिन हजारों लीटर पानी सड़कों पर बहकर बर्बाद हो रहा है। इसे न तो कोई देखने वाला है और न ही ठीक कराने वाला।लोग हर दिन पानी के लिए परेशान हैं और शुद्ध जल की तलाश में दर-दर भटकने को मजबूर हैं।
शहर में कई ऐसे मोहल्ले हैं, जहां नल जल का पाइप तक नहीं पहुंचा है। स्थिति यह है कि कुछ इलाकों में जहां पाइपलाइन पहुंची भी है, वहां पाइप की हालत बेहद खराब है। लोग कहते हैं कि कई बार शिकायत करने के बावजूद प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। पाइपलाइनों की खराब हालत के कारण पानी की गुणवत्ता भी प्रभावित हो रही है, इससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। वार्ड के निवासी इस स्थिति से तंग आ चुके हैं और मांग कर रहे हैं कि नल जल योजना का सही तरीके से क्रियान्वयन किया जाए।
वहीं बिहार सरकार ने जल कीआपूर्ति और इसके मेंटेनेंस का काम जिस ऐजेंसी बुडको को दी है उसे नगर निगम की ओर से बुडको को तीन बार रिमांइडर पत्र भेजा जा चुका है। फिर भी कुछ नहीं हुआ। बुडको द्वारा की जा रही मनमानी और लापरवाही पर बीते वर्ष जिलाधिकारी योगेन्द्र सिंह ने भी नाराजगी जताई थी। इसके बावजूद ऐजेंसी के कर्मियों पर कोई असर नहीं पड़ा।
तत्कालीन जिलाधिकारी योगेन्द्र सिंह ने नगर निगम क्षेत्र में नल-जल योजना की समीक्षा की थी। इसमें बताया गया कि नगर निगम क्षेत्र में अब भी 15 हजार घर नल जल से वंचित हैं। समस्तीपुर नगर निगम क्षेत्र में 58,535 घरों में हर घर नल का जल पहुंचाया जाना था, जिसमें से 43,498 घरों में ही अब तक पहुंचाया जा सका है। इस पर डीएम ने शेष 15,037 परिवारों को भी जल्द से जल्द लाभ पहुंचाने का निर्देश दिया था।
निरंतर कचरे की सफाई नहीं :
स्थानीय लोगों का कहना है कि वार्ड में निरंतर कचरे की सफाई नहीं की जाती है। व्यवस्था नहीं होने के कारण जहां-तहां गंदगी का ढेर लग जाता है। लोग गंदगी और कचरे से फैलने वाली बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। वार्ड के कई इलाकों में कचरा लंबे समय तक पड़ा रहता है, और सफाई कर्मचारी समय पर आते नहीं हैं। इसके कारण घरों और गलियों में बदबू फैलती रहती है। इस कारण संक्रामण रोग फैलने की आशंका बनी रहती है। स्थानीय लोग बार-बार प्रशासन से सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने की मांग कर रहे हैं। यदि समय रहते कचरे सफाई और निस्तारण की व्यवस्था नहीं की गई, तो बीमारियों का फैलना और भी बढ़ सकता है, जिससे वार्ड के लोगों की सेहत पर गंभीर असर पड़ेगा।