राष्ट्रीय लोक अदालत में निपटे 1936 मामले, 11.25 करोड़ की सुलह राशि पर सहमति

-13 बेंचों का गठन, एक ही दिन में मिला न्याय                                                 बक्सर खबर। जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में शनिवार को वर्ष की प्रथम राष्ट्रीय लोक अदालत का सफल आयोजन किया गया। इस लोक अदालत में कुल 1936 मामलों का निपटारा किया गया, जिसमें ग्यारह करोड़ पच्चीस लाख चौसठ हजार छह सौ सतहत्तर रुपये की सुलह राशि पर सहमति बनी। कार्यक्रम का उद्घाटन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार हर्षित सिंह, प्रथम प्रधान न्यायाधीश, कुटुंब न्यायालय मनोज कुमार, जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल, पुलिस अधीक्षक शुभम आर्य एवं अन्य मंचासीन पदाधिकारियों ने दीप प्रज्वलित कर विधिवत रूप से किया। इस अवसर पर कई न्यायिक पदाधिकारी एवं कर्मचारी भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन मुंसिफ द्वितीय नेहा त्रिपाठी ने किया।

इस मौके पर प्रधान जिला न्यायाधीश ने कहा कि लोक अदालत सुलह-समझौते के आधार पर त्वरित न्याय दिलाने का सरल माध्यम है। इसमें न कोई हारता है, न कोई जीतता है, बल्कि दोनों पक्षों की सहमति से मामले का निपटारा होता है। उन्होंने सभी वादकारियों को लोक अदालत में अपने मामले निपटाने के लिए प्रेरित किया। जिलाधिकारी सह उपाध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार अंशुल अग्रवाल ने कहा कि लोक अदालत एक राष्ट्रीय पर्व की तरह मनाया जाता है। लोग वर्षों तक अदालतों के चक्कर काटने से बच सकते हैं यदि वे अपने मामलों को लोक अदालत में लाकर सुलह-समझौते के आधार पर निपटारा कराएं। उन्होंने इसे “जनता की अदालत” बताते हुए कहा कि यहां फैसले दोनों पक्षों की सहमति से होते हैं और न्यायालय में इसकी प्रति सुरक्षित रखी जाती है।

छात्रा को सम्मानित करते जिला जज

लोक अदालत में बैंक से जुड़े 709 मामलों का निपटारा किया गया, जिसमें 9,47,04,818 की सुलह राशि पर समझौता हुआ। अन्य वाद जिसमे यातायात के कुल 619, आपराधिक 135 वाद, विद्युत वाद के 299 मामले का निपटारा कराया गया। विभिन्न बैंकों के रिकवरी के 169 मामलों जिसमें हुए निष्पादन पर इस दौरान कुल 01 करोड़ 68 लाख 03 हजार पांच सौ चौवन रुपए की समझौता राशि पर हस्ताक्षर किया गया। इस राष्ट्रीय लोक अदालत में जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश विजेंद्र कुमार, संजीत कुमार सिंह, रघुबीर प्रसाद, कुमार नरुन, चंदन कुमार (न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी) समेत अन्य पीठासीन न्यायाधीशों, पैनल अधिवक्ताओं एवं कर्मचारियों ने अहम भूमिका निभाई। लोक अदालत में पैनल अधिवक्ता चंद्रकला वर्मा, कंचन कुमारी, कुमारी रिंकी, आरती राय, रवि रंजन सिंह आदि। कार्यालय कर्मी सुधीर कुमार, दीपेश कुमार, संजीव कुमार, प्रधान लिपिक संजय कुमार, राजीव कुमार, नाजिर संतोष द्विवेदी। विधिक स्वयंसेवक मदन प्रजापति, कवींद्र नाथ पाठक, प्रेम प्रकाश पाठक, अंजुम रावत, गजेंद्र नाथ दुबे, ओम प्रकाश सिंह, अविनाश आदि उपस्थित थे।

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