CHHAPRA DESK – छपरा सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के मुख्य द्वार पर आज शाम दलालों के दो गुटों के बीच मारपीट के बाद हुई चाकू बाजी में दो युवक गंभीर रूप से जख्मी हो गए, जिनका उपचार फिलहाल सदर अस्पताल में चल रहा है. जख्मी दोनों युवकों में एक युवक जिले के रिविलगंज थाना क्षेत्र दिलिया रहीमपुर गांव निवासी मिथिलेश सिंह का 22 वर्षीय पुत्र अनिकेत कुमार सिंह तथा दूसरा युवक नगर थाना क्षेत्र के दर्शन नगर मोहल्ला का ध्रुव प्रसाद का 20 वर्षीय पुत्र राजनंदन उर्फ मोनू बताया गया है. घटना के संबंध में बताया जा रहा है कि आज संध्या पहर दलालों के दो गुटों के बीच विवाद हुआ और देखते ही देखते विवाद गहराया.जिसके बाद एक पक्ष के युवकों के द्वारा दूसरे पक्ष के दो युवकों को चाकू घोंपा गया है. जिससे अनिकेत और मोनू दोनों गंभीर रूप से जख्मी हो गए हैं.
अनिकेत को जहां सीने पर चाकू मारा गया है वहीं मोनू के पीठ पर चाकू घोंपा गया है. फिलहाल दोनों का उपचार छपरा सदर अस्पताल में चल रहा है. सदर अस्पताल में ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक डॉक्टर हरेंद्र प्रसाद ने बताया कि दोनों का उपचार किया जा रहा है. दोनों की स्थिति खतरे से बाहर है. उन्होंने बताया कि अस्पताल के अंदर इस चाकू बाजी की घटना से सभी चिकित्सक मे भय व्याप्त है. वहीं चिकित्सकों की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े किए. आए दिन चाकू बाजी व मारपीट की घटना घटित होते रहती है. वहीं घटना होने के बाद कुछ देर तक अफरा तफरी का माहौल रहा. अस्पताल में उपचार के दौरान जख्मी अनिकेत और मोनू ने बताया कि ने बताया कि वे लोग अस्पताल कैंपस में बैठे थे, तभी मोनू राय और नन्हे राय पहुंच कर उनके उपर चाकू से हमला कर दिया. फिलहाल विवाद के कारणों कीस्पष्ट जानकारी नहीं हो सकी है. समाचार प्रेषण तक प्राथमिकी की प्रक्रिया जारी थी.
पूर्व मे भी अस्पताल के गेट पर हो चुकी है हत्या
विदित हो की अस्पताल में दलालों के कई गुट काम करते हैं. इसी क्रम में पूर्व में भी गोलीबारी व चाकू बाजी के साथ हत्या की घटना भी घटित हो चुकी है. करीब दो वर्ष पूर्व अस्पताल के मुख्य गेट पर दलालों के द्वारा नंदलाल राय की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. हालांकि घटना होने के बाद कुछ दिनों के लिए स्थिति भले ही सामान्य हो जाए लेकिन दलालों पर अंकुश लगा पाना संभव नहीं हो पता है. इमरजेंसी विभाग में आए दिन दलाल मरीजों को निजी क्लीनिक में रेफर कराने की फिराक मे रहते है और निजी क्लीनिक व निजी अस्पताल तक मरीजों को पहुंचा भी देते हैं.