हिलसा (नालंदा दर्पण)। बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी जल जीवन हरियाली योजना के तहत नालंदा जिले में 903 सोख्ता निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। जिसमें 881 सोख्ता का निर्माण पूरा हो चुका है। इस योजना के माध्यम से भूजल स्तर को सुधारने और जल संकट से निपटने का प्रयास किया जा रहा है।
हिलसा प्रखंड ने इस योजना में सबसे बेहतर प्रदर्शन करते हुए 108 में से सभी 108 सोख्ता का निर्माण पूरा कर लिया है। दूसरी ओर रहुई प्रखंड में लक्ष्य 11 सोख्ता का था। लेकिन अब तक केवल 7 का ही निर्माण हो सका है। गिरियक, इस्लामपुर और रहुई प्रखंडों को छोड़कर सभी प्रखंडों ने अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लिया है।
बता दें कि सोख्ता निर्माण का मुख्य उद्देश्य भूजल स्तर को ऊपर उठाना और सार्वजनिक जल स्रोतों जैसे चापाकल एवं कुओं के आसपास जल रिसाव की व्यवस्था करना है। इसके अलावा नल-जल योजना के तहत बेकार बहने वाले पानी को संरक्षित करने के लिए भी सोख्ता महत्वपूर्ण साबित होगा।
हर साल गर्मी के मौसम में नालंदा जिले के कई गांवों और यहां तक कि जिला मुख्यालय में भी पानी की कमी से लोग परेशान हो जाते हैं। मार्च के बाद जल संकट गहराने लगता है और कई स्थानों पर पानी के लिए हाहाकार मच जाता है। इस समस्या से निजात पाने के लिए सोख्ता निर्माण के साथ-साथ पानी के सदुपयोग पर भी जोर दिया जा रहा है।
अब सोख्ता निर्माण से न केवल जल संकट से राहत मिलेगी, बल्कि जल निकासी से जुड़ी समस्याओं को भी हल किया जा सकेगा। खासकर गांव-मोहल्लों में पानी की निकासी को लेकर पड़ोसियों के बीच होने वाले विवाद कम होंगे।
हालांकि अभी भी सभी पंचायतों में सोख्ता निर्माण का लक्ष्य पूरा नहीं हुआ है। अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि प्रत्येक पंचायत में कम से कम 10 सोख्ता का निर्माण हो।
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