असम के बकुलिया घाट बागेश्वर वाला जी मंदिर में चम्पारण के आचार्य प्रभाकर शुक्ल का हुआ भव्य स्वागत !अपने आध्यात्मिक प्रवास के दौरान असम के बकुलिया घाट में बोलते हुए उन्होंने कहा कि अध्यात्म को प्राण बनाएं ! आचार्य प्रभाकर शुक्ल गुरुजी नवदिवसीय असम के आध्यात्मिक यात्रा के मध्य बकुलिया पहुचें ! जहां बागेश्वर बाला जी मन्दिर में सत्संग एवं प्रेस वार्ता किया गया । जिसमें आचार्य शुक्ल ने धर्म, अध्यात्म पर विस्तृत चर्चा की । युवाओ को सबोधित करते हुए अध्यात्म को प्राण बनाएं , धर्म को मानने से अच्छा है कि धर्म की मानें ! हम धर्म को विवेक पूर्ण नेत्र से देखें , आडंबरों से दूर रहें ! श्रीमद्भागवत, गीता के सिद्धांत सूत्र को जीवन में अपनाते हुए उसका पालन करें ! “चारों युग प्रताप तुम्हारा” हनुमान जी की उपासना चारों युगों में होती है। हनुमान जी ऐसे देवता है जो चारों युगों में पूजित होते हैं। बागेश्वर बाला जी की मन्दिर प्रबन्धन देखकर हृदय हर्षित है। आप सभी के ऊपर बागेश्वर बाला जी की विशेष कृपा बनीं रहें मंगल कामना करता हूँ ! यहां की संस्कृति, सभ्यता कारवी हस्तलिपियाँ , सामग्रीयों से प्रभावित हूं ! यथाशीघ्र बकुलिया घाट में श्रीमद्भागवत कथावाचन किया जाएगा । उपस्थित जनों में गुरुजी को देखने , सुनने की होड़ रही । जिसमें मुख्यत : मन्दिर ट्रस्टी के साथ – बिनोद प्रसाद जी, बिंदिया देवी, रामाधार साह , आयुष कुमार , सुषमा देवी सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे।
विद्वान सर्वत्र पूज्यते -पं० भरत उपाध्याय
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