बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहारशरीफ सदर अस्पताल में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं में पैथोलॉजी जांच की सुविधा को अधिक प्रमाणिक और व्यवस्थित बनाने के लिए पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड पर निजी एजेंसी का चयन किया गया है। अब राज्य के सभी प्रमुख सरकारी अस्पतालों में निजी एजेंसी द्वारा अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस पैथोलॉजी सेंटर का संचालन किया जाएगा। इसके लिए अस्पताल प्रबंधन द्वारा ही स्थान उपलब्ध कराया जाएगा।
इस पहल के तहत मरीजों को सभी प्रकार की पैथोलॉजी जांच पूरी तरह से निःशुल्क मिलेगी। जांच प्रक्रिया को व्यवस्थित करने के लिए जिला अस्पताल को हब सेंटर और अनुमंडलीय, रेफरल, पीएचसी एवं यूपीएचसी में स्पॉक सेंटर के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए अत्याधुनिक मशीनों की भी स्थापना की जा रही है।
फिलहाल, बिहारशरीफ के सदर अस्पताल में हब सेंटर ने कार्य करना शुरू कर दिया है। यहां जनरल ओपीडी के बगल में पैथोलॉजी सेंटर की स्थापना की गई है और जांच की प्रक्रिया सुचारू रूप से प्रारंभ हो चुकी है। जांच रिपोर्ट की प्रमाणिकता और गति को सुनिश्चित करने के लिए अत्याधुनिक मशीनों का उपयोग किया जा रहा है। इससे जांच में होने वाली देरी और गलतियों से बचा जा सकेगा।
इस नई व्यवस्था के तहत मरीजों को जांच रिपोर्ट के लिए अस्पताल आने की आवश्यकता नहीं होगी। जांच की रिपोर्ट ऑनलाइन उपलब्ध कराई जा रही है और मरीजों के व्हाट्सएप पर भी भेजी जा रही है। रिपोर्ट की प्रमाणिकता सुनिश्चित करने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है और जांच में उपयोग होने वाले केमिकल और उपकरणों को मानक तापमान पर रखा जा रहा है।
अब तक कुल 20 सैंपल की जांच की जा चुकी है। वर्तमान में यूरिन, सीबीसी एवं इलेक्ट्रोलाइट की जांच की सुविधा उपलब्ध है। ओपीडी में जिन जांचों की आवश्यकता बताई जा रही है, उन्हीं की रिपोर्ट मुख्य रूप से तैयार की जा रही है।
वर्तमान में सीमित स्थान के कारण सभी मशीनों को इंस्टॉल नहीं किया गया है, लेकिन मॉडल अस्पताल शुरू होने के बाद हब सेंटर पूर्ण रूप से कार्य करेगा। इसके बाद जांच की संख्या में वृद्धि होगी और मरीजों को निजी पैथोलॉजी केंद्रों पर जाने की आवश्यकता नहीं होगी। महंगी जांचों की सुविधा भी यहां उपलब्ध होगी।
संभावना है कि अगले माह से मॉडल अस्पताल का संचालन शुरू हो जाएगा। इसके लिए शिफ्टिंग की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। जैसे-जैसे इस सुविधा की जानकारी मरीजों को मिल रही है, वैसे-वैसे सैंपल जांच के लिए आने वालों की संख्या में वृद्धि हो रही है।
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