Acharya Satyendra Das: अयोध्या रामलला मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास माघी पूर्णिमा पर बृह्मलीन, निधन से शोक में डूबा संपूर्ण देश

अयोध्या राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का निधन

➡️ 87 वर्ष की उम्र में ली अंतिम सांस
➡️ ब्रेन स्ट्रोक के कारण लखनऊ SGPGI में थे भर्ती
➡️ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जताया शोक

लखनऊ/अयोध्या, 12 फरवरी 2025

श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या के रामलला मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का आज सुबह माघी पूर्णिमा के दिन महाकुंभ की विरासत के बीच लखनऊ स्थित संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGI) में निधन हो गया। वे 87 वर्ष के थे। ब्रेन स्ट्रोक के कारण बीते कुछ दिनों से अस्पताल में भर्ती थे।

अस्पताल प्रशासन ने की पुष्टि

SGPGI प्रवक्ता के अनुसार, 3 फरवरी को उन्हें गंभीर ब्रेन स्ट्रोक के कारण न्यूरोलॉजी वार्ड एचडीयू में भर्ती कराया गया था। मधुमेह और हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं से भी वे पीड़ित थे। मंगलवार सुबह 7:00 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।

उनके निधन के बाद श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास ने घोषणा की कि उनकी पार्थिव देह को अयोध्या ले जाया जाएगा, जहां अंतिम संस्कार किया जाएगा।

रामलला मंदिर के सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले मुख्य पुजारी

आचार्य सत्येंद्र दास छह दिसंबर 1992 को बाबरी विध्वंस के समय मंदिर के मुख्य पुजारी बने थे। उन्होंने लगभग 33 वर्षों तक रामलला की सेवा की। 20 साल की उम्र में उन्होंने संन्यास जीवन अपना लिया था और पूरी तरह से धार्मिक कार्यों में समर्पित रहे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जताया शोक

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आचार्य सत्येंद्र दास के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने अपने X (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर लिखा—

“परम रामभक्त, श्री राम जन्मभूमि मंदिर, श्री अयोध्या धाम के मुख्य पुजारी आचार्य श्री सत्येंद्र दास जी महाराज का निधन अत्यंत दुःखद एवं आध्यात्मिक जगत की अपूरणीय क्षति है। विनम्र श्रद्धांजलि!”

अयोध्या में शोक की लहर

आचार्य सत्येंद्र दास के निधन की खबर से अयोध्या और संपूर्ण हिंदू समाज में शोक की लहर है। राम भक्तों और संत समाज ने इसे एक अपूरणीय क्षति बताया है। राम मंदिर निर्माण के ऐतिहासिक क्षणों के वे साक्षी रहे और जीवनभर रामलला की पूजा-अर्चना में समर्पित रहे।

उनके पार्थिव शरीर को आज अयोध्या लाया जाएगा, जहां रामजन्मभूमि परिसर में अंतिम दर्शन के बाद उनका संस्कार विधि विधान से संपन्न किया जाएगा।

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