बिहार में बढ़ते अपराध पर विपक्ष का वार, दरभंगा में दुष्कर्म की घटनाओं से बढ़ी चिंता
➡️ प्रदेश में अपराध नियंत्रण के दावे खोखले?
➡️ दरभंगा में 4 दिनों में दो नाबालिगों से दुष्कर्म
➡️ तेजस्वी यादव का सीएम नीतीश कुमार पर हमला
अपराध पर लगाम के दावे, लेकिन जमीनी हालात अलग
पटना। बिहार सरकार अपराध नियंत्रण के दावे तो कर रही है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। घर बंद करके जाने वाले लोग जब लौटते हैं, तो पूरा घर साफ हो जाता है। चोरी, लूट और डकैती की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं।
दरभंगा जिले में बीते 4 दिनों के भीतर दो नाबालिगों से दुष्कर्म की घटनाओं ने पूरे राज्य को झकझोर दिया है। ये वारदातें सवाल खड़ा करती हैं कि समाज और अपराध के बीच बढ़ती खाई को पाटने की जिम्मेदारी किसकी है?
तेजस्वी यादव का हमला: “नीतीश कुमार सच्चाई से भाग रहे हैं”
बिहार में अपराध की बढ़ती घटनाओं को लेकर विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा—
“बिहार के मुख्यमंत्री को सच्चाई से इतनी नफरत है कि वे झूठ और भ्रम के साए में जीना चाहते हैं। उन्हें जमीनी सच्चाई से कोई लेना-देना नहीं। अगर वे होश में होते, तो बिहार में बढ़ते अपराध के आंकड़े देख उनकी रूह कांप जाती।”
बढ़ते अपराधों पर जनता में रोष
बिहार में हत्या, लूट, दुष्कर्म और चोरी की बढ़ती घटनाओं से लोगों में भय का माहौल है। राजधानी पटना से लेकर दरभंगा, मुजफ्फरपुर और अन्य जिलों में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। ऐसे में सरकार पर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए क्या ठोस कदम उठाए जा रहे हैं?
👉 अब देखने वाली बात होगी कि सरकार विपक्ष के इन आरोपों पर क्या प्रतिक्रिया देती है और क्या अपराध नियंत्रण को लेकर कोई नई रणनीति अपनाई जाती है?
बिहार में भले अपराध नियंत्रण के प्रयास तेज हो रहे हों लेकिन वास्तविकता इसके विपरीत है। खासकर, लोगों में असंतोष और भय का वातावरण इतना है कि लोग अगर घर को बंद करके कहीं बाहर घूमने क्या निकलेंगे, लौटने पर पूरा घर साफ ही मिलेगा।
इतना ही नहीं, बिहार के दरभंगा की ही बात करें तो तीन से चार दिनों के भीतर दो नाबालिगों से दुष्कर्म की वारदात ने हमें सोचने पर फिर मजबूर कर दिया है कि आखिर समाज और अपराध के बीच खाई को पाटने का जिम्मा कौन लेगा।
ऐसे में, विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार को जमकर घेरा है। लिखा है, बिहार के मुख्यमंत्री को सच्चाई से इतनी नफ़रत है कि वो झूठ और झूठ के साए में ही जीना चाहते है। इन्हें वास्तविकता और जमीनी सच्चाई से कोई मतलब नहीं है। अगर वो होशमंद होंगे तो बिहार में घटित प्रतिदिन अपराध के आंकड़े देख उनकी रूह काँप जाती।