बिहार विकास मॉडलः सांसद ने लिया गोद, मुख्यमंत्री की प्रगति यात्रा कर रही उद्धार

राजगीर (नालंदा दर्पण)। सिलाव प्रखंड अंतर्गत नानंद गांव में तैयार किया गया ‘बिहार विकास मॉडल’ अन्य गांवों के लिए मिसाल बन सकता है। विशेष रूप से गांव के महादलित क्लस्टर को मुख्य मार्ग से जोड़ा गया है। वहीं अध्ययन, फिटनेस और सैर-सपाटे के लिए भी तमाम संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं। बुजुर्गों के लिए विशेष कॉटेज की भी सौगात दी गई है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी प्रगति यात्रा के पांचवें चरण में 20 फरवरी को नानंद गांव आने वाले हैं। इस दौरान वे यहां 300 योजनाओं का उद्घाटन करेंगे। हालांकि आधिकारिक रूप से सीएम के कार्यक्रम की जानकारी नहीं दी गई है। लेकिन खबरों के मुताबिक वे सीधे हेलीकॉप्टर से लैंड करेंगे और तत्पश्चात बिंद पहुंचकर वहां विकास कार्यों का जायजा लेंगे। इसके बाद नालंदा समाहरणालय कैंपस स्थित हरदेव भवन में विकास कार्यों को लेकर समीक्षा बैठक करेंगे।

नानंद गांव करीब पांच वर्ष पूर्व चर्चा में आया था, जब सांसद कौशलेंद्र कुमार ने इसे गोद लिया था। यह गांव सिलाव प्रखंड में स्थित है और नालंदा जिला मुख्यालय बिहारशरीफ से करीब 20 किलोमीटर दूर है। सांसद द्वारा गोद लिए जाने के बाद विकास कार्यों की शुरुआत तो हुई। लेकिन पूर्ण रूप से कायाकल्प नहीं हो पाया। अब मुख्यमंत्री के आगमन से कुछ दिन पहले यहां विकास के अधूरे कार्यों को तेजी से पूरा किया जा रहा है। गांव को चकाचक करने के लिए 300 विकास योजनाओं के शिलापट्ट लगाए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री की यात्रा को देखते हुए पिछले तीन महीनों से प्रखंड, अनुमंडल और जिला स्तरीय अधिकारी गांव में लगातार दौरे कर रहे हैं। ग्रामीणों की समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर सुलझाने का प्रयास किया जा रहा है। ताकि मुख्यमंत्री को यहां आकर किसी समस्या से अवगत होने की नौबत न आए।

फिलहाल गांव में मॉडल पुस्तकालय, पार्क, तालाब और बुजुर्गों के लिए विशेष कॉटेज बनकर तैयार है। गांव को रोशन करने के लिए एलईडी लाइटें लगाई गई हैं। भूमिहीन और निर्धन परिवारों को समेकित कृषि प्रणाली से जोड़ा गया है। मुख्यमंत्री के आगमन से पहले नानंद गांव का स्वरूप पूरी तरह बदल चुका है।

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