मगध एक्सप्रेस पर हिलसा रेलवे स्टेशन पर फिर रोड़ेबाजी, कई चोटिल

हिलसा (नालंदा दर्पण)। प्रयागराज महाकुंभ स्नान के लिए उमड़ी भीड़ के चलते ट्रेनों में भारी अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ है। हिलसा रेलवे स्टेशन पर जैसे ही मगध एक्सप्रेस पहुंची, यात्रियों में आपाधापी शुरू हो गई। पहले से ही खचाखच भरी ट्रेन में चढ़ने की कोशिश कर रहे यात्रियों को दरवाजा बंद मिलने से आक्रोशित भीड़ ने ट्रेन पर रोड़ेबाजी शुरू कर दी। जिससे कई बोगियों के शीशे टूट गए। इस दौरान कई यात्री जख्मी हो गए। जिनमें एक की हालत गंभीर बताई जाती है।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार मगध एक्सप्रेस के अधिकांश डिब्बे पहले से ही भरे हुए थे, और अधिकांश बोगियों के गेट अंदर से बंद थे। हिलसा स्टेशन पर जैसे ही ट्रेन रुकी, चढ़ने के लिए आतुर यात्रियों ने दरवाजा खोलने का प्रयास किया। लेकिन जब गेट नहीं खुले, तो कुछ असामाजिक तत्वों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी। इस घटना में दनियावां निवासी उपेंद्र प्रसाद जख्मी हो गए। उनका कहना है कि वे बाथरूम के पास खड़े थे। तभी अचानक बाहर से किसी ने पत्थर चला दिया। जिससे उनका सिर फट गया।

स्टेशन मास्टर ने बताया कि महाकुंभ के कारण स्टेशन पर भारी भीड़ थी। ट्रेन के अधिकांश गेट अंदर से बंद थे। जिससे यात्रियों को चढ़ने में कठिनाई हुई। इस अफरातफरी के बीच केवल 10 यात्री ही ट्रेन में चढ़ पाए। जबकि सैकड़ों यात्री पीछे छूट गए। इस वजह से गुस्साए यात्रियों ने अपना टिकट वापस कर दिया।

भीड़ इतनी अधिक थी कि यात्री बोगियों में लटककर यात्रा करने को मजबूर थे। आरक्षित बोगियों पर भी गैर-आरक्षित यात्रियों का कब्जा हो गया था। ट्रेन को महज दो मिनट रुकने का समय था। लेकिन अफरा-तफरी के कारण यह 15 मिनट तक स्टेशन पर खड़ी रही। स्टेशन पर पुलिस बल की मौजूदगी के बावजूद रोड़ेबाजी की घटनाएं होती रहीं।

बता दें कि शुक्रवार को भी इसी तरह की घटना सामने आई थी। जब हिलसा रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को चढ़ने में दिक्कत हुई थी। शनिवार को भीड़ और ज्यादा बढ़ गई और हिंसा फिर दोहराई गई।

बहरहाल, हिलसा रेलवे स्टेशन पर बढ़ती अव्यवस्था यात्रियों के लिए परेशानी का सबब बन रही है। प्रशासन को जल्द से जल्द इस पर कड़े कदम उठाने होंगे। ताकि आने वाले दिनों में यात्रियों को सुरक्षित यात्रा का अनुभव मिल सके।

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