Bihar Cabinet Expansion Live: दरभंगा दे ताली…

दरभंगा। बिहार में आज होने वाले कैबिनेट विस्तार में दरभंगा को खास तवज्जो मिली है। भाजपा के दो वरिष्ठ विधायक – संजय सरावगी और जीवेश कुमार को मंत्री पद दिया गया है।

दरभंगा को क्यों मिली अहमियत?

मिथिलांचल की सियासत में दरभंगा का खासा प्रभाव।
2025 विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा का मजबूत सियासी दांव।
संजय सरावगी (दरभंगा नगर) और जीवेश कुमार (जाले) को मंत्री बनाकर क्षेत्रीय संतुलन साधने की कोशिश।
संजय सरावगी को उनके संगठन कौशल और व्यापारी समुदाय में प्रभाव के कारण मंत्री बनाया गया।
भूमिहार समुदाय से आने वाले जीवेश कुमार को मंत्री बनाकर भाजपा ने अपने कोर वोट बैंक को मजबूत किया।

कौन हैं Sanjay Saraogi और Jibesh Kumar?

संजय सरावगी: दरभंगा नगर से विधायक, भाजपा के कद्दावर नेता, मारवाड़ी समुदाय से आते हैं। भाजपा के पुराने चेहरे और दरभंगा के व्यापारिक वर्ग में गहरी पकड़ रखते हैं।
जीवेश मिश्रा: जाले से विधायक, भूमिहार समुदाय के बड़े नेता। पिछली सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं, संगठन में अच्छी पकड़।

Darbhanga के लिए क्या होगा फायदा?

सरकारी योजनाओं में दरभंगा की भागीदारी बढ़ेगी।
दरभंगा को नई योजनाओं और विकास कार्यों में प्राथमिकता मिलेगी।
एम्स, एयरपोर्ट और एक्सप्रेसवे जैसे बड़े प्रोजेक्ट में तेजी आने की संभावना।
व्यापारी वर्ग और भूमिहार समुदाय को भाजपा के करीब लाने की रणनीति।

दरभंगा से दो विधायकों को मंत्री बनाकर भाजपा ने यह स्पष्ट कर दिया है कि मिथिलांचल की राजनीति उनके लिए बेहद अहम है। इससे आगामी चुनावों में दरभंगा और आसपास के इलाकों में भाजपा को बड़ा फायदा मिल सकता है।

Bihar Cabinet Expansion: चुनावी रणनीति और जातीय समीकरण का संतुलन

✔ सात नए मंत्रियों की शपथ, भाजपा से 5 और जदयू से 2
बिहार में आज शाम 4 बजे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में मंत्रिमंडल का विस्तार होने जा रहा है। भाजपा और जदयू के बीच संतुलन साधते हुए जातीय और सामाजिक समीकरणों को ध्यान में रखकर नए मंत्रियों का चयन किया गया है।

Bihar Cabinet Expansion से जुड़े मुख्य बिंदु:

7 नए मंत्री आज लेंगे शपथ।
बीजेपी कोटे से 5 और जदयू कोटे से 2 विधायक मंत्री बनेंगे।
जातीय समीकरण पर खास ध्यान – अगड़ी, पिछड़ी और अति पिछड़ी जातियों को साधने की कोशिश।
विभागों के पुनर्गठन की संभावना, कुछ मंत्रियों से अतिरिक्त विभाग लिए जा सकते हैं।
2025 विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए रणनीतिक विस्तार।

नए मंत्रियों की संभावित सूची:

बीजेपी कोटे से:

  1. कृष्ण कुमार मंटू (अमनौर विधायक) – कुर्मी
  2. जीवेश मिश्रा (जाले विधायक) – भूमिहार
  3. संजय सरावगी (दरभंगा विधायक) – मारवाड़ी
  4. मोती लाल प्रसाद (रीगा विधायक) – तेली
  5. राजू सिंह (साहेबगंज विधायक) – राजपूत

जदयू कोटे से:

  1. विजय कुमार मंडल (सिकटी विधायक) – केवट
  2. डॉ. सुनील (बिहारशरीफ विधायक) – कुशवाहा

जातीय समीकरण और राजनीतिक रणनीति:

सवर्णों (भूमिहार, राजपूत, मारवाड़ी) से तीन चेहरे शामिल किए गए।
ओबीसी (कुर्मी, कुशवाहा, तेली) से तीन चेहरे।
अति पिछड़ा वर्ग (केवट) से एक चेहरा।
महिला प्रतिनिधित्व नहीं, जिस पर विपक्ष सवाल उठा सकता है।

मंत्रिमंडल विस्तार का असर:

2025 विधानसभा चुनाव से पहले जातीय संतुलन को मजबूत करने की कोशिश।
क्षेत्रीय संतुलन साधने के लिए उत्तर और दक्षिण बिहार के विधायकों को मौका।
बीजेपी- जदयू गठबंधन को और मजबूती देने की रणनीति।
अति पिछड़ा वर्ग को साधने की कोशिश, जिससे भाजपा-जदयू का कोर वोट बैंक मजबूत हो।

नीतीश कैबिनेट के इस विस्तार को भाजपा की 2025 की चुनावी रणनीति से जोड़कर देखा जा रहा है। आने वाले दिनों में यह विस्तार बिहार की सियासत को किस दिशा में ले जाएगा, यह देखने वाली बात होगी।

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