बैंक के दबाव में टूटी हिम्मत – लोन की किस्त नहीं चुका पाने से महिला ने दी जान
📍 मोहम्मद शमशाद, दरभंगा | रिपोर्ट: दरभंगा लाइव न्यूज़
दरभंगा। कुशेश्वरस्थान थाना क्षेत्र के मधुबन गांव में लोन की बढ़ती किस्त और बैंक कर्मियों के लगातार दबाव ने एक महिला को आत्महत्या के लिए मजबूर कर दिया। रविवार सुबह 45 वर्षीय रीना देवी, पत्नी शंकर मुखिया, ने गले में फंदा लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली।
बैंक के दबाव में डूबी जिंदगी
सूत्रों के अनुसार, मृतका ने कई निजी बैंकिंग कंपनियों से कर्ज लिया था। शुरू में वह समय पर किस्त चुका रही थीं, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण किश्त भरना मुश्किल होता गया। बैंक वसूली एजेंटों और कर्मियों ने लगातार तगादा बढ़ा दिया, धमकियां दी और गाली-गलौज भी की। इस मानसिक प्रताड़ना से तंग आकर महिला ने आत्महत्या कर ली।
चार संतानों को छोड़ गई मां
मृतका अपने पीछे दो बेटों और दो बेटियों को छोड़ गई हैं। बेटियां शादीशुदा हैं, जबकि दोनों बेटे प्रवासी मजदूर हैं और बाहर रहकर मजदूरी करते हैं। परिवार के अनुसार, रीना देवी पर कर्ज चुकाने की भारी जिम्मेदारी थी, लेकिन बैंक एजेंटों की प्रताड़ना से वह टूट गईं।

गांव में शोक और आक्रोश का माहौल
घटना के बाद गांव में शोक और आक्रोश का माहौल है। परिजनों और ग्रामीणों का कहना है कि बैंक कर्मियों की मनमानी और प्रताड़ना ने महिला को यह कदम उठाने के लिए मजबूर किया। स्थानीय लोग इस घटना की निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

पुलिस जांच में जुटी, बैंक कर्मियों की भूमिका की पड़ताल
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है और बैंक कर्मियों की भूमिका को लेकर कानूनी पहलुओं की पड़ताल भी की जाएगी।
क्या बैंक कर्मियों की प्रताड़ना ने ली एक और जिंदगी? यह सवाल अब प्रशासन और न्याय व्यवस्था के सामने है। क्या इस घटना से बैंकिंग कंपनियों की कार्यप्रणाली में सुधार होगा?
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