Darbhanga | मिथिला मखाना (Mithila Makhana) को वैश्विक बाजार से जोड़ने और रोजगार के नए अवसर पैदा करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने मखाना बोर्ड (Makhana Board) की स्थापना की प्रक्रिया शुरू कर दी है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, जिसके बाद कृषि एवं कल्याण मंत्रालय ने इस पर आधिकारिक कार्यवाही शुरू कर दी है।
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लोकसभा में सांसद गोपाल जी ठाकुर ने उठाया मुद्दा
दरभंगा के सांसद डॉ. गोपाल जी ठाकुर (Dr. Gopal Ji Thakur) ने लोकसभा में तारांकित प्रश्न संख्या 2028 के माध्यम से मखाना बोर्ड के गठन, मखाना खेती के विस्तार, विपणन और प्रसंस्करण को लेकर सरकार से जवाब मांगा। इसके जवाब में केंद्रीय कृषि एवं कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने बताया कि मखाना बोर्ड के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
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मखाना उद्योग को कैसे होगा फायदा?
✅ वैश्विक बाजार में पहचान – मिथिला मखाना को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रमोट किया जाएगा।
✅ रोजगार के अवसर बढ़ेंगे – बिहार के किसानों और उद्यमियों को सीधा लाभ मिलेगा।
✅ किसानों की आय में वृद्धि – सरकार के सहयोग से मखाना उत्पादन और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।
✅ मखाना प्रसंस्करण को बढ़ावा – मखाना को संगठित उद्योग का दर्जा मिलने से इसका उत्पादन और निर्यात बढ़ेगा।
जीआई टैग के बाद अब मखाना उद्योग को नई ऊंचाई मिलेगी
मिथिला मखाना को पहले ही GI टैग (Geographical Indication) प्राप्त है, जिससे इसे विशेष पहचान और कानूनी संरक्षण मिला है। अब मखाना बोर्ड बनने से यह उद्योग और मजबूत होगा। सांसद गोपाल जी ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच के अनुरूप इस क्षेत्र को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए केंद्र सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
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आगे की रणनीति:
➡ मखाना बोर्ड के गठन की प्रक्रिया जल्द पूरी की जाएगी।
➡ मखाना अनुसंधान केंद्र को राष्ट्रीय स्तर का दर्जा दिलाने का प्रयास जारी है।
➡ मखाना प्रसंस्करण और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए नई योजनाएं लागू की जाएंगी।
सांसद ठाकुर ने कहा कि यह निर्णय बिहार और मिथिला के किसानों, उद्यमियों और व्यापारियों के लिए ऐतिहासिक साबित होगा। मखाना उद्योग को संगठित करने की यह पहल आने वाले वर्षों में आर्थिक विकास और रोजगार सृजन का एक महत्वपूर्ण स्रोत बनेगी।