दरभंगा | श्रम कल्याण दिवस के अवसर पर उप श्रमायुक्त कार्यालय, दरभंगा में एक दिवसीय जागरूकता शिविर आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन सहायक पुलिस अधीक्षक कोमल मीणा, उप श्रमायुक्त राकेश रंजन, श्रम अधीक्षक किशोर कुमार झा, पुलिस निरीक्षक सुनील कुमार और विभिन्न श्रम प्रवर्तन पदाधिकारियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।
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श्रमिकों को योजनाओं से जोड़ने पर जोर
➡ उप श्रमायुक्त राकेश रंजन ने कहा कि दरभंगा जिले के सभी पंचायतों तक श्रम संसाधन विभाग की योजनाएं पहुंचनी चाहिए।
➡ 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को विद्यालय में नामांकित कराना जरूरी है ताकि वे शिक्षा से वंचित न रहें।
➡ श्रमिकों को अपने अधिकारों की जानकारी होनी चाहिए, ताकि वे सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठा सकें।
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न्यूनतम मजदूरी दर की जानकारी
✔ अकुशल श्रमिक: ₹412 प्रति दिन
✔ अर्धकुशल श्रमिक: ₹428 प्रति दिन
✔ कुशल श्रमिक: ₹521 प्रति दिन
✔ अतिरिक्त कुशल श्रमिक: ₹636 प्रति दिन
✔ पर्यवेक्षकीय व लिपिकीय कार्य: ₹11,780 प्रति माह
➡ यदि कोई नियोजक तय न्यूनतम मजदूरी से कम भुगतान करता है, तो श्रम अधीक्षक या श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी से शिकायत की जा सकती है।
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महिला श्रमिकों को किया गया सम्मानित
➡ अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर कार्यालय की कर्मठ महिला कर्मियों को सम्मान पत्र दिया गया।
➡ सम्मानित महिलाओं में श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी विजेता भारती (बहेड़ी), साधना भारती (हायाघाट), महिला समाज आयोजिका रूपम कुमारी, और अन्य अधिकारी शामिल थीं।
➡ सहायक पुलिस अधीक्षक कोमल मीणा ने कहा कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं हैं और उन्हें अपने अधिकारों का पूरा प्रयोग करना चाहिए।
लाभुकों को योजनाओं का लाभ
➡ श्रम विभाग की विभिन्न योजनाओं के तहत सांकेतिक चेक का वितरण किया गया।
➡ मृत्यु अनुदान, विवाह सहायता, पेंशन योजना, भवन मरम्मति, साइकिल क्रय अनुदान जैसी योजनाओं के लाभार्थियों को चेक प्रदान किए गए।
श्रमिकों में दिखा उत्साह
➡ कार्यक्रम के समापन पर श्रमिकों ने कहा कि उन्हें पहली बार अपने श्रमिक अधिकारों की जानकारी मिली।
➡ श्रम प्रवर्तन पदाधिकारियों ने श्रम संसाधन विभाग की योजनाओं के पंपलेट और फोल्डर भी वितरित किए।
➡ कार्यक्रम में जिले के विभिन्न प्रखंडों से आए महिला और पुरुष श्रमिकों ने भाग लिया।
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इस जागरूकता शिविर का मुख्य उद्देश्य श्रमिकों को उनके अधिकारों और सरकारी योजनाओं के प्रति जागरूक करना था, ताकि वे उनका अधिकतम लाभ उठा सकें।