दरभंगा, देशज टाइम्स ब्यूरो। रफ़्ता रफ़्ता वो मिरी हस्ती का सामां हो गए…रफ़्ता रफ़्ता वो मेरे हस्ती का सामां हो गए। पहले जां, फिर जान-ए-जां फिर जान-ए-जाना हो गए। इसके बाद प्यार जब हद से बढ़ा, सारे तकल्लुफ़ मिट गए, आप से फिर तुम हुए, फिर तू का उनवां हो गए….यह शायरी या गजल आज के जिला परिषद की सामान्य बैठक पर सटीक बैठ रही। सोमवार को जिला परिषद की सामान्य बैठक जैसे ही शुरू हुई…आप के संबोधन से शुरु होकर तुम तराम और चमचागिरी तक पहुंच गई।
अध्यक्ष ने क्यों कहा, मैं न तो चोर हूं न बईमान
जानकारी के अनुसार, इतना ही नहीं, अध्यक्ष को यहां तक कहना पड़ा मैं न तो चोर हूं न बईमान हूं। बात यहीं नहीं रूकी। बैठक में पति के साथ शामिल हुई घनश्यामपुर प्रमुख पर बैठक के दौरान सबकी नजरें टिकीं रहीं। हालांकि, इस दौरान दस से बीस फीसद की अधिक राशि अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को देने पर सहमति बनीं। लेकिन, मनरेगा कार्य में रुकावट और अतिक्रमणकारियों पर मेहरबानी का मामला गूंजता रहा। वैसे, बेंता रेस्ट हाउस टेंडर की जांच का रास्ता जरूर खुला। कुलमिलाकर नोकझोंक के बीच समर्थन और विरोध के पैमाने बनते और टूटते चले गए। पढ़िए पूरी खबर
बैठक की शुरुआत में ही उठा गत बैठक का प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का मुद्दा
जिला परिषद (Zila Parishad) की सामान्य बैठक सोमवार को विवादों और आरोप-प्रत्यारोप के बीच हुई। बैठक की शुरुआत आपसी बहस से लेकर चमचागिरी (Flattery) के आरोप तक पहुँच गई।
मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी चित्रगुप्त कुमार ने जैसे ही
मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी चित्रगुप्त कुमार ने जैसे ही गत बैठक की संपुष्टि का प्रस्ताव रखा, जिप सदस्य अवधेश यादव ने गत बैठक का प्रतिवेदन (Previous Meeting Report) उपलब्ध कराने की मांग कर दी। इस पर कुछ देर तक अधिकारी निरुत्तर रहे।
सदस्य सागर नवोदिया ने मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी का समर्थन करते हुए संपुष्टि के पक्ष में बात कही, लेकिन इससे अन्य सदस्यों में नाराजगी फैल गई और गत बैठक की योजनाओं की सूची (Project List) मांगने लगे।
सागर नवोदिया और शीतल झा के बीच गर्मागर्मी
सदन में सागर नवोदिया ने गत बैठक की संपुष्टि का समर्थन किया, लेकिन इस पर शीतल झा ने योजनाओं को खारिज करने की मांग कर दी। दोनों के बीच तीखी बहस हुई।
मनरेगा (MNREGA) कार्यों में जिला परिषद की भूमिका पर बहस
धीरज झा ने आरोप लगाया कि मनरेगा कार्यों पर जिला परिषद द्वारा रोक लगी है। जवाब में मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी ने तकनीकी कठिनाइयों का हवाला देते हुए सदस्यों से योजनाओं की सूची देने को कहा।
पूर्व अध्यक्ष और सदस्यों में तीखी नोकझोंक
पूर्व अध्यक्ष रेणु देवी और जिप सदस्य सागर नवोदिया के बीच भी उलझन बढ़ गई। एक ने दूसरे को “ऊपर से आकर नीचे बैठने” की टिप्पणी की, तो दूसरे ने “चमचागिरी” का आरोप लगाया।
वहीं जिप सदस्य शीतल झा ने गत बैठक में लिए गए निर्णयों (Meeting Decisions) को खारिज करने की मांग की। इस मुद्दे पर सागर और शीतल के बीच लंबी बहस चली।
पोर्टल पर अपलोड योजनाओं में अनियमितता का आरोप
अवधेश यादव ने षष्ठम मद की योजनाओं (Sixth Head Schemes) में अनियमितता का आरोप लगाते हुए उन्हें निरस्त कर नए सिरे से योजनाएं अपलोड करने का प्रस्ताव रखा। सदन के अधिकांश सदस्यों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया।
अध्यक्ष पर भी लगे अनियमितता के आरोप
बैठक के दौरान कई जिप सदस्यों ने जिप अध्यक्ष पर भी योजना अपलोडिंग और राशि वितरण (Fund Distribution) में गड़बड़ी के आरोप लगाए।
जवाब में अध्यक्ष ने कहा, “मैं न चोर हूं न बेईमान। सबको समान अवसर मिलेगा।” उन्होंने मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी पर भी निर्देशों की अनदेखी (Ignoring Instructions) का आरोप लगाया।
विकास योजनाओं की राशि के पुनर्गणना का प्रस्ताव
जिप सदस्य लाल सिंह ने प्रस्ताव दिया कि 2020-21 से 2025-26 तक के खर्च की गणना की जाए और जहां कम कार्य हुआ है वहां से राशि काटी जाए। साथ ही पंचम, षष्ठम और पंद्रहवीं वित्त मद से अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को 10-20% राशि अलग से देने का सुझाव दिया गया।
बैठक में नहीं पहुंचे विधायक और सांसद
बैठक के लिए स्थानीय विधायक (MLA), सांसद (MP), और प्रखंड प्रमुखों को आमंत्रित किया गया था, लेकिन अधिकांश ने भाग नहीं लिया। सिर्फ घनश्यामपुर की प्रमुख अपने पति के साथ बैठक में पहुंचीं, जिन्हें वीआईपी सुविधा दी गई।
जनप्रतिनिधियों की अनुपस्थिति और वीआईपी सुविधा विवाद
बैठक में प्रखंड प्रमुख, विधायक, एमएलसी और सांसदों को आमंत्रित किया गया था, लेकिन अधिकांश उपस्थित नहीं हुए। घनश्यामपुर की प्रमुख अपने पति के साथ बैठक में पहुंची और उन्हें वीआईपी सुविधा (VIP Treatment) दी गई, जिसे लेकर भी चर्चाएं रहीं।
वित्तीय गणना और राशि वितरण का प्रस्ताव
जिप सदस्य लाल सिंह ने वित्तीय वर्ष 2020-21 से 2025-26 तक की विकास राशि का ऑडिट (Audit) करने और जहां आवश्यकता हो, कटौती कर पुनः राशि आवंटित करने का प्रस्ताव दिया। साथ ही पंचम, षष्ठम और पंद्रहवीं वित्त मद की राशि से अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को 10-20 प्रतिशत अतिरिक्त राशि देने की मांग की, जिसका कई सदस्यों ने समर्थन किया।
मनरेगा कार्यों पर रोक को लेकर भी उठे सवाल
जिप सदस्य धीरज झा ने मनरेगा कार्यों (MNREGA Projects) पर रोक का आरोप लगाया। जवाब में मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी ने तकनीकी कठिनाइयों (Technical Difficulties) का हवाला देते हुए कहा कि मनरेगा योजना में मास्टर रोल जनरेशन और वाउचर अपलोडिंग जैसी समस्याओं के चलते कठिनाई हो रही है।
उन्होंने सुझाव दिया कि जिप सदस्य अपनी योजनाओं की सूची दें, जिससे उन्हें पंचायत समिति मद से क्रियान्वित किया जा सके।
मच्छहट्टा अतिक्रमण पर नरमी और रेस्ट हाउस घोटाले की जांच का ऐलान
जिला परिषद संपत्ति मच्छहट्टा पर वर्षों से अतिक्रमण (Encroachment) जारी है। अब अतिक्रमणकारी से बकाया किराया वसूल कर उसे ही औपचारिक किरायेदार बनाने की योजना बन रही है।
बेंता रेस्ट हाउस (Rest House) घोटाले की होगी जांच
बेंता स्थित रेस्ट हाउस को बिना टेंडर के कम कीमत पर तीसरी पार्टी को देने के मामले में जांच की घोषणा हुई। पहले मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी ने जानकारी से इंकार किया, लेकिन साक्ष्य दिखाए जाने पर जांच का भरोसा दिया।
वहीं बेंता स्थित रेस्ट हाउस को बिना टेंडर (Without Tender) के कम किराए पर देने और पुनः अधिक राशि पर भाड़े पर चढ़ाने के मामले में भी जांच होगी।
मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी ने पहले तो मामले से अनभिज्ञता जताई, लेकिन जब साक्ष्य प्रस्तुत करने की बात आई तो उन्होंने जांच का आश्वासन दिया।