बड़ी खुशखबरी है… 16 अक्टूबर 2007 को शिलान्यास, 18 साल कागजों में, अब Trade, Development, Connectivity को जबरदस्त रफ्तार, 4075 करोड़, 107 Km लंबी रेल पटरी, 14 स्टेशन, 10 हॉल्ट…Bihar में देश की सर्वश्रेष्ठ रेलवे लाइन… यात्रा का नया अध्याय।
औरंगाबाद-बिहटा रेल प्रोजेक्ट (Aurangabad-Bihta Rail Project) को मिली हरी झंडी, मई 2025 से पटरी बिछाने का काम शुरू| इससे, पटना से औरंगाबाद तक रेल यात्रा में होगी 1 घंटे की बचत, पढ़िए पूरी खबर
बहुप्रतीक्षित औरंगाबाद-बिहटा रेल प्रोजेक्ट (Aurangabad-Bihta Rail Project) अब हकीकत बनने की ओर बढ़ रहा है। रेलवे बोर्ड ने इस परियोजना को मंजूरी दे दी है। मई 2025 से 13 किलोमीटर रेल लाइन बिछाने का काम शुरू कर दिया जाएगा।
मुख्य बिंदु (Key Points)
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मई 2025 से 13 किमी रेल लाइन बिछाने का कार्य आरंभ।
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जून 2025 से 107 किमी लंबी पटरी का निर्माण शुरू।
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पटना-औरंगाबाद का सफर घटकर 2 घंटे में पूरा।
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कुल लागत 4075 करोड़ रुपये।
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14 स्टेशन और 10 हॉल्ट की योजना।
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परियोजना से 75 लाख लोगों को लाभ।
इसके बाद जून 2025 से 107 किलोमीटर लंबी रेल पटरी बिछाने की प्रक्रिया भी शुरू होगी। इस रेल लाइन के निर्माण से पटना से औरंगाबाद का सफर सिर्फ 2 घंटे में पूरा हो सकेगा, जिससे यात्रियों को 1 घंटे का समय बचेगा।
दो चरणों में पूरी होगी परियोजना
परियोजना को दो चरणों में पूरा किया जाएगा:
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पहला चरण:
अनुग्रह नारायण रोड से औरंगाबाद तक 13 किमी रेल लाइन का निर्माण, जिसकी लागत 440.59 करोड़ रुपये स्वीकृत हुई है। काम मई 2025 से शुरू होगा। -
दूसरा चरण:
अनुग्रह नारायण रोड से अरवल होते हुए बिहटा तक 107 किमी रेल लाइन बिछाई जाएगी। जून 2025 से कार्य प्रस्तावित है।
कुल 120 किमी लंबी इस रेल लाइन से पटना, अरवल और औरंगाबाद जिलों के करीब 75 लाख लोगों को फायदा मिलेगा।
14 स्टेशन और 10 हॉल्ट बनेंगे
रेल मार्ग पर 14 स्टेशन और 10 हॉल्ट बनाने की योजना है।
प्रमुख स्टेशन:
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औरंगाबाद
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दाउदनगर
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पालीगंज
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बिहटा
पूर्व मध्य रेल के सीपीआरओ सरस्वती चंद्र के अनुसार, 107 किमी रेल लाइन की डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) तैयार हो चुकी है और इसे 15 अप्रैल 2025 तक रेलवे बोर्ड को सौंपा जाएगा। बोर्ड से 15-20 दिनों में मंजूरी मिलने की संभावना है।
परियोजना की लागत और प्रगति
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कुल अनुमानित लागत: 4075 करोड़ रुपये
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पहले चरण के लिए स्वीकृत राशि: 440.59 करोड़ रुपये
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औरंगाबाद में भूमि अधिग्रहण का काम तेज कर दिया गया है, जिसमें पूर्व मध्य रेल और औरंगाबाद डीएम की टीम जुटी हुई है।
18 साल बाद सपना हो रहा साकार
16 अक्टूबर 2007 को तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद ने पालीगंज में इस परियोजना का शिलान्यास किया था। लेकिन 18 साल तक यह योजना सिर्फ कागजों में सीमित रही। अब सर्वे पूरा होने और डीपीआर तैयार होने के बाद यह सपना सच होने की राह पर है।
यह रेल लाइन इलाके में व्यापार, विकास और कनेक्टिविटी को जबरदस्त रफ्तार देगी।