चचरी पर चलता हूं, विकास की बात सुनता हूं

Madhubani | लौकही। धरहरा पंचायत के वार्ड नंबर 8 स्थित थूकहा धार पर बने चचरी पुल के सहारे ग्रामीणों को जिरोगा पंचायत और छिटही गांव तक आवागमन करना पड़ रहा है। यह अस्थायी चचरी पुल, जो दोनों गांवों को जोड़ता है, अपनी खस्ता हालत और कमजोर संरचना के कारण हर दिन लोगों के लिए जोखिम भरा साबित हो रहा है।


बाढ़ के दौरान होती है ज्यादा परेशानी

यह इलाका बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में आता है। बरसात के समय जब तिलयुगा नदी का पानी इस इलाके में प्रवेश करता है, तो आवागमन पूरी तरह से बाधित हो जाता है। ग्रामीणों को एक पंचायत से दूसरी पंचायत जाने के लिए 10 किलोमीटर लंबा रास्ता तय करना पड़ता है।


ग्रामीणों की समस्याएं और जोखिम

  • सुखाड़ के मौसम में किसी तरह चार पहिया वाहन इस धार को पार कर लेते हैं, लेकिन बरसात के समय आवागमन असंभव हो जाता है।
  • ग्रामीणों का कहना है कि चचरी पुल से आवागमन करना जानलेवा है।
  • स्कूली बच्चों को जान जोखिम में डालकर स्कूल जाना पड़ता है।
  • शादी-विवाह और आपातकालीन परिस्थितियों में चार पहिया वाहन गांव तक नहीं पहुंच पाते, जिससे लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

स्थानीय अधिकारियों को दिए आवेदन, फिर भी समाधान नहीं

स्थानीय निवासी ओमप्रकाश यादव, भोपेन्द्र टरैट, अवध नारायण कौड़गिया और अन्य ग्रामीणों ने बताया कि पुल निर्माण के लिए कई बार सांसद और विधायक को आवेदन दिया गया, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।


सरकार से अपील

ग्रामीणों ने सरकार से आग्रह किया है कि थूकहा धार पर पक्के पुल का निर्माण जल्द से जल्द कराया जाए, ताकि उनकी दैनिक समस्याओं का समाधान हो सके। उन्होंने कहा कि चचरी पुल का उपयोग करना बेहद खतरनाक है, और स्थायी समाधान के बिना यह संकट जारी रहेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *