“दरभंगा दूरस्थ शिक्षा निदेशालय में ‘अध्ययन आदतों पर सोशल मीडिया के प्रभाव’ पर विचार-विमर्श”

अध्ययन आदतों पर सोशल मीडिया के प्रभाव पर परिचर्चा
रिपोर्ट: राज़ी अहमद, दरभंगा /दरभंगा लाइव न्यूज़

दूरस्थ शिक्षा निदेशालय, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय द्वारा संचालित बी.एड. (नियमित) के अंतर्गत एक्सटेंशन प्रोग्राम के तहत “अध्ययन आदतों पर सोशल मीडिया के प्रभाव” विषय पर एक विचार-विमर्श का आयोजन किया गया। इस परिचर्चा के विशेषज्ञ प्रो. ध्रुव कुमार, विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग के पूर्व अध्यक्ष, और डॉ. अफ़ाक हाश्मी, शिक्षाशास्त्र विभागाध्यक्ष, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय थे।

परिचर्चा में अपने विचार रखते हुए प्रो. ध्रुव कुमार ने बताया कि सोशल मीडिया के सकारात्मक एवं नकारात्मक दोनों प्रकार के प्रभाव होते हैं। उन्होंने कहा कि यह हमें जानकारी प्रदान करने के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर जोड़ने का कार्य भी करता है। उन्होंने सोशल मीडिया की उत्पत्ति को ग्राहम बेल के टेलीफोन आविष्कार से जोड़ते हुए कहा कि आज यह मोबाइल फोन के रूप में विकसित हो चुका है। साथ ही, उन्होंने डार्विन के सिद्धांत का उल्लेख करते हुए कहा कि वर्तमान समय में अस्तित्व बनाए रखने के लिए सोशल मीडिया का सही उपयोग आवश्यक है। हालांकि, उन्होंने आगाह किया कि सोशल मीडिया की आदत और लत के बीच फर्क समझना आवश्यक है, क्योंकि किसी भी चीज की लत हानिकारक हो सकती है।

डॉ. अफ़ाक हाश्मी ने कहा कि अत्यधिक सोशल मीडिया उपयोग के कारण हमारा व्यवहार स्क्रॉलिंग जैसा हो गया है, जिससे हमारा ध्यान केंद्रित करने की क्षमता प्रभावित हो रही है। उन्होंने शिक्षकों को बच्चों को रुचिकर तरीके से पढ़ाने की सलाह दी और कहा कि भले ही आज आर्टिफिशियल टीचर की अवधारणा उभर रही हो, लेकिन वास्तविक शिक्षक की भूमिका अपरिहार्य है। उन्होंने सुझाव दिया कि सोशल मीडिया का उपयोग एक शैक्षिक उपकरण के रूप में किया जाना चाहिए।

बी.एड. (नियमित) के विभागाध्यक्ष डॉ. अरविन्द कुमार मिलन ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि सोशल मीडिया सूचना का स्रोत है, लेकिन यह ज्ञान और बुद्धिमत्ता का स्रोत नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया ने आभासी समाज और परिवार का निर्माण कर दिया है, जिससे लोग अपने वास्तविक समाज और परिवार से दूर होते जा रहे हैं। उन्होंने इसके संतुलित और नियंत्रित उपयोग पर बल दिया।

विशेषज्ञों के विचारों के उपरांत छात्र-छात्राओं ने सोशल मीडिया के उपयोग, दुरुपयोग और इसकी अनिवार्यता से संबंधित कई प्रश्न पूछे, जिनका विशेषज्ञों ने उत्तर दिया।

कार्यक्रम के आरंभ में डॉ. निधि वत्स ने परिचर्चा के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इसका आयोजन विद्यार्थियों को कक्षा परिवेश से बाहर स्वतंत्र रूप से सीखने और सोशल मीडिया के प्रति जागरूक करने के लिए किया गया है। कार्यक्रम का संचालन और परिचर्चा का मॉडरेशन डॉ. अखिलेश कुमार मिश्र ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन डॉ. निधि वत्स ने किया।

इस परिचर्चा में विभाग के संकाय सदस्य डॉ. शंभू प्रसाद, डॉ. शुभ्रा, डॉ. उदय कुमार, डॉ. मिर्ज़ा रूहुल्लाह बेग, कुमार सत्यम, गोविन्द कुमार, डॉ. रेशमा तबस्सुम, डॉ. शागुप्ताह जबीं, आनंद मोहन सहित बी.एड. प्रथम वर्ष (सत्र 2024-26) के छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

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