Darbhanga और Samastipur के लिए 3 Big Projects, अब नहीं आएंगीं बाढ़, शांति धार होगा पुनर्जीवित, बागमती से जुड़ेगा बूढ़ी गंडक

बागमती-शांति धार-बूढ़ी गंडक नदी जोड़ परियोजना को मिली स्वीकृति

➡️ बाढ़ सुरक्षा और सिंचाई सुविधा में होगी बढ़ोतरी
➡️ दरभंगा और समस्तीपुर जिलों को मिलेगा लाभ
➡️ जल संसाधन विभाग की तीन बड़ी परियोजनाओं को स्वीकृति

नई दिल्ली/दरभंगा, 12 फरवरी 2025

बिहार के दरभंगा और समस्तीपुर जिले में बाढ़ सुरक्षा और सिंचाई सुविधा को मजबूत करने के लिए जल संसाधन विभाग की बागमती-शांति धार-बूढ़ी गंडक नदी जोड़ परियोजना को केंद्र सरकार से तकनीकी स्वीकृति मिल गई है। इस योजना के तहत सोरमारहाट-हायाघाट तटबंध (किमी 5.40) पर घोघराहा ग्राम से निकलने वाली शांति धार को पुनर्जीवित किया जाएगा, जिससे बागमती नदी का पानी बूढ़ी गंडक से जुड़ेगा।

क्या है इस योजना का उद्देश्य?

इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य बागमती नदी के बाढ़ के प्रभाव को कम करना और सिंचाई सुविधा में सुधार करना है। प्राकृतिक रूप से निर्मित शांति धार को पुनर्जीवित कर बागमती नदी के अतिरिक्त पानी को बूढ़ी गंडक में प्रवाहित किया जाएगा, जिससे बाढ़ की समस्या को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।

तीन महत्वपूर्ण बाढ़ नियंत्रण परियोजनाओं को मिली मंजूरी

नई दिल्ली स्थित श्रम शक्ति भवन में जल शक्ति मंत्रालय के सचिव देबाश्री मुखर्जी की अध्यक्षता में हुई तकनीकी सलाहकार समिति की 157वीं बैठक में बिहार जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल और अभियंता प्रमुख (बाढ़ नियंत्रण एवं जल निस्सरण) मनोज रमण ने भाग लिया। बैठक में बिहार की तीन प्रमुख बाढ़ नियंत्रण परियोजनाओं को तकनीकी स्वीकृति दी गई

1️⃣ बागमती-शांति धार-बूढ़ी गंडक नदी जोड़ परियोजना
2️⃣ कमला बलान नदी के दोनों तटबंधों के उच्चीकरण, सुदृढ़ीकरण एवं सड़क निर्माण (फेज-3)
3️⃣ चंपारण तटबंध के उच्चीकरण, सुदृढ़ीकरण एवं सड़क निर्माण (किमी 66.0 से 132.80 तक)

क्या होंगे लाभ?

✔️ दरभंगा और समस्तीपुर जिले के बड़े इलाके को बाढ़ से सुरक्षा
✔️ सिंचाई की सुविधा में सुधार, जिससे किसानों को फायदा होगा
✔️ नदी जोड़ परियोजना के माध्यम से जल प्रवाह को संतुलित किया जाएगा
✔️ तटबंधों की मजबूती से इलाके में आवागमन के लिए एक वैकल्पिक मार्ग मिलेगा

जल संसाधन विभाग ने बताया कि इन परियोजनाओं के जल्द क्रियान्वयन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी, जिससे बाढ़ग्रस्त इलाकों में दीर्घकालिक सुरक्षा और कृषि क्षेत्र को मजबूती मिलेगी।

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