राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने के लिए बेनीपुर में बैठक
➡️ 8 मार्च को न्यायालय परिसर में आयोजित होगी राष्ट्रीय लोक अदालत
➡️ बैंक एवं ऋणधारकों के बीच सुलह-समझौते का सुनहरा अवसर
➡️ अधिक से अधिक बैंक ऋण बकाया मामलों के निपटारे पर जोर
क्या है मामला?
सतीश चंद्र झा। बेनीपुर में अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (ACJM) प्रथम संगीता रानी ने राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने के लिए स्थानीय बैंकों के अधिकारियों के साथ बैठक की।
उन्होंने अधिकारियों से कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत बैंक एवं ऋणधारकों के बीच समझौते का बेहतरीन मंच है, जहां लंबी कानूनी प्रक्रिया से बचते हुए त्वरित समाधान निकाला जा सकता है।
बैठक में दिए गए अहम निर्देश
📌 ऋणधारकों को नोटिस जारी करने के निर्देश।
📌 राष्ट्रीय लोक अदालत के प्रचार-प्रसार को बढ़ाने पर जोर।
📌 आकर्षक छूट योजनाएं लागू करने की अपील।
📌 बैंकों को अधिकतम लंबित ऋण मामलों को निपटाने का निर्देश।
ACJM श्रीमती रानी ने कहा कि लोक अदालत से समय और धन दोनों की बचत होती है। इस पहल से बैंक और ऋणधारक दोनों को फायदा होगा।
कौन-कौन रहे मौजूद?
✅ एसबीआई: विकास कुमार
✅ कृषि विकास शाखा: मुनीन्द्र कुमार
✅ पीएनबी: पुरुषोत्तम कुमार
✅ बैंक ऑफ इंडिया: मनीष कुमार
✅ सेंट्रल बैंक: सूरज कुमार सिंह
राष्ट्रीय लोक अदालत क्यों है महत्वपूर्ण?
📌 जल्द और आसान समाधान – लंबी कानूनी प्रक्रिया की तुलना में जल्दी समाधान।
📌 कम खर्च – पक्षकारों को वकील या अदालत शुल्क पर अधिक खर्च नहीं करना पड़ता।
📌 दोनों पक्षों के लिए फायदेमंद – बैंक को ऋण वसूली में मदद मिलती है, वहीं ऋणधारकों को समझौते का अवसर मिलता है।
👉 8 मार्च को होने वाली इस राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिक से अधिक ऋणधारकों को शामिल होने की अपील की गई है।