यातायात नियमों के प्रति जागरूकता रैली, लेकिन जागरूकता खुद रही सवालों के घेरे में!
दरभंगा, 16 फरवरी 2025 – सड़क सुरक्षा और यातायात नियमों के पालन को लेकर रविवार को बाइक जागरूकता रैली निकाली गई। इस रैली को ट्रैफिक डीएसपी अवधेश कुमार ने लहेरियासराय थाना से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रैली का उद्देश्य सुरक्षित ड्राइविंग, हेलमेट पहनने की अनिवार्यता और यातायात नियमों के पालन को बढ़ावा देना था।

ट्रैफिक डीएसपी ने बाइक सवारों से अपील करते हुए कहा,
“बाइक चलाते समय चालक और पीछे बैठे व्यक्ति दोनों को हेलमेट जरूर पहनना चाहिए, ताकि किसी भी दुर्घटना की स्थिति में जान-माल की सुरक्षा हो सके। आपकी जिंदगी सिर्फ आपकी नहीं, बल्कि आपके परिवार की भी है।”
जागरूकता रैली बनी मज़ाक, बिना हेलमेट दिखे बाइक सवार
हालांकि, इस जागरूकता रैली में एक बड़ी विडंबना देखने को मिली। जिन लोगों को यातायात नियमों के प्रति लोगों को जागरूक करना था, वे खुद बिना हेलमेट के रैली में शामिल थे। सड़कों पर गुजर रहे लोग हैरानी जता रहे थे कि “जब जागरूकता फैलाने वाले खुद नियम तोड़ रहे हैं, तो आम जनता को क्या सीख देंगे?”
रैली में पुलिसकर्मी भी मौजूद थे, लेकिन उन्होंने बिना हेलमेट बाइक सवारों को रोकने या रैली से अलग करने की कोई कोशिश नहीं की। जब इस मुद्दे पर ट्रैफिक डीएसपी अवधेश कुमार से सवाल किया गया, तो उन्होंने अनभिज्ञता जाहिर करते हुए कहा कि उन्हें नहीं पता था कि रैली में शामिल लोग खुद बिना हेलमेट जागरूकता फैला रहे थे।

रैली का मार्ग और आयोजन
इस बाइक जागरूकता रैली का आयोजन एक क्लब के सहयोग से ट्रैफिक थाना द्वारा किया गया था। यातायात थानाध्यक्ष कुमार गौरव रैली के रूट का नेतृत्व कर रहे थे, लेकिन वे बिना हेलमेट सवारों को रोकने में असमर्थ दिखे।
रैली लहेरियासराय थाना से शुरू होकर लोहिया चौक, बाकरगंज, बेलवागंज, नाका-6, रहमगंज, मौलागंज, कोतवाली थाना, दोनार चौक, अल्लपट्टी चौक, बेंता चौक होते हुए लहेरियासराय पहुंची।

सड़क सुरक्षा पर सवालिया निशान!
इस घटनाक्रम ने एक गंभीर सवाल खड़ा कर दिया है – क्या केवल जागरूकता रैली निकालने से यातायात नियमों का पालन सुनिश्चित हो जाएगा, या पहले खुद नियमों का पालन करना जरूरी है? यदि जागरूकता रैली में शामिल लोग ही हेलमेट पहनने की अनदेखी करेंगे, तो आम नागरिकों से नियमों का पालन करने की उम्मीद कैसे की जा सकती है?

यातायात विभाग को चाहिए कि आगे से ऐसे अभियानों की सख्त मॉनिटरिंग करे, ताकि संदेश का प्रभाव सही मायने में जनता तक पहुंचे और सड़क सुरक्षा को मज़ाक न बनाया जाए।
