बिहार चुनाव से पहले सियासी महाभारत, गठबंधन में दरार!
पटना: बिहार चुनाव से पहले राजनीतिक माहौल गर्म हो चुका है। महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर तनाव बढ़ गया है, तो दूसरी ओर, जदयू और LJPR के नेताओं के बीच तीखी बयानबाजी भी देखने को मिल रही है।
इंडिया गठबंधन की हांडी चुल्हे पर
बिहार चुनाव से पहले बिहार एकदम हॉट बन चुका है। सियासी शब्द वाणों के बीच धमासान मचा है। राष्ट्रीय लोक मोर्चा कार्यालय में पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने उपेंद्र कुशवाहा ने सभी दलों से कर दी बड़ी अपील… कहा- होना पड़ेगा एक। यह बात है सोलहो आने सच। कारण, एनडीए का लावा कब फूट पड़ेगा पता नहीं, लेकिन इंडिया की हांडी चुल्हे पर चढ़ चुकी है।
‘सोने की लंका’ से लेकर ‘कुत्ता-गीदड़’ तक…अभी से लेते रहिए लजीज स्वाद
वहीं, महागठबंधन में आरपार की नौबत है। तेजस्वी ने कांग्रेस और वीआइपी से साफ कह दिया है। हम पॉरफामेंस देंखेंगे। यूं ही नहीं टिकट दे देंगे। इधर,सियासी महाभारत के दूसरे दृश्य में ‘सोने की लंका’ से लेकर ‘कुत्ता-गीदड़’ तक…का नजारा। जदयू विधायक के ‘गाली-गलौज’ पर LJPR सांसद राजेश वर्मा का तीखा प्रहार। यानि, बिहार चुनाव से पहले, जो डर गया समझो मर गया…।
गठबंधन में सीटों को लेकर रस्साकशी, तेजस्वी ने दिया सख्त संदेश
महागठबंधन में कांग्रेस, वीआईपी (मुकेश सहनी) और वाम दलों की बढ़ती मांगों के बीच नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अपना रुख साफ कर दिया है। उन्होंने मंच से कहा कि टिकट सिर्फ उन्हीं प्रत्याशियों को मिलेगा, जिन्होंने जनता के बीच काम किया हो और पार्टी की विचारधारा को मजबूत किया हो।
🔹 कांग्रेस – 70 से कम सीटों पर चुनाव लड़ने को तैयार नहीं
🔹 वीआईपी (मुकेश सहनी) – 40+ सीटों की मांग, डिप्टी सीएम बनने का दावा
🔹 वाम दल – 2020 के मुकाबले ज्यादा सीटों की उम्मीद
👉 तेजस्वी का बयान: “अब किसी नेता के कहने पर टिकट नहीं मिलेगा। सीटों का बंटवारा हमारी शर्तों पर होगा।”
इस बयान के बाद कांग्रेस और वीआईपी में नाराजगी बढ़ गई है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि गठबंधन में कोई छोटा-बड़ा भाई नहीं होता, और वे समझौता करने को तैयार नहीं हैं।
वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने भी अपनी महत्वाकांक्षा खुलकर जाहिर कर दी है। वे 40 से ज्यादा सीटें जीतने और डिप्टी सीएम बनने तक का दावा कर चुके हैं। हालांकि, आरजेडी के रुख को देखते हुए उनके लिए यह लड़ाई आसान नहीं होगी।
JDU vs LJPR: बयानबाजी हुई तेज, ‘सोने की लंका’ से लेकर ‘कुत्ता-गीदड़’ तक पहुंचा विवाद
परबत्ता के जदयू विधायक डॉ. संजीव कुमार ने LJPR सांसद राजेश वर्मा का नाम लिए बिना ‘कुत्ता और गीदड़’ जैसे अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल किया। इसके बाद राजेश वर्मा ने रामायण का उदाहरण देते हुए तीखा पलटवार किया।
🔹 राजेश वर्मा का जवाब:
“सोने की लंका ढह गई है। जो शस्त्र उठाते हैं, वे गर्त में चले जाते हैं।”
“बुलेटप्रूफ गाड़ी में घूमने वाले डरपोक होते हैं।”
“पुरखों की जागीर राजनीति नहीं है। मुझे जनता ने विरासत में जनादेश दिया है।”
👉 जदयू विधायक संजीव कुमार ने कहा: “वजूद बचाने के लिए हथियार उठाने पड़ते हैं।”
👉 राजेश वर्मा ने पलटवार किया: “हथियार दिखाने का ज़माना लद गया, अब जनता की नज़र सब देख रही है।”
क्या महागठबंधन बिखरने की कगार पर?
✅ तेजस्वी यादव का रुख सख्त
✅ कांग्रेस और वीआईपी की बढ़ती मांगें
✅ जदयू और LJPR में तल्खी बढ़ी
बिहार चुनाव से पहले सियासी समीकरण तेजी से बदल रहे हैं। महागठबंधन में दरार की खबरें लगातार आ रही हैं। क्या कांग्रेस और वीआईपी महागठबंधन से अलग होंगे? क्या तेजस्वी यादव अपने सख्त रुख से पीछे हटेंगे?
बिहार की राजनीति में अगले कुछ हफ्ते बेहद अहम होने वाले हैं।