Samastipur News : समस्तीपुर जिले के भूतपूर्व सैनिकों ने अपनी विभिन्न मांगों और समस्याओं के समाधान के लिए गुरुवार को एक बैठक की, जिसमें जिला सैनिक बोर्ड के गठन की मांग की गई. इस दौरान भूतपूर्व सैनिकों ने अपनी समस्याओं पर चर्चा की और कहा कि जिला सैनिक बोर्ड का गठन बहुत जरूरी है। इसके गठन के बाद ही हमारी समस्याओं का समाधान हो सकेगा। वे सरकार से स्वास्थ्य संबंधी सेवाएं निशुल्क करने की मांग कर रहे हैं।
पूर्व सैनिकों ने कहा कि हमारे बच्चों का अच्छे स्कूलों में दाखिला कराया जाए और फीस माफ करने की व्यवस्था की जाए। नौकरियों में आरक्षण का दायरा बढ़ाया जाए। रियायती दरों पर जमीन और रजिस्ट्रेशन में विशेष छूट का प्रावधान किया जाए। जिले में सैकड़ों सेवानिवृत्त सैनिक हैं। उन्हें पेंशन और अन्य आर्थिक लाभ मिलते हैं, लेकिन उनकी रोजमर्रा की समस्याएं इससे कहीं अधिक जटिल हैं। स्वास्थ्य सेवाओं का अभाव, कानूनी अधिकारों की जानकारी का अभाव, पुनर्वास की समस्याएं और सामाजिक पुनर्वास की चुनौतियां उनके लिए जीवन कठिन बना देती हैं।
इस दौरान कर्नल कृष्ण कुमार झा ने कहा कि जिला सैनिक बोर्ड का गठन सबसे जरूरी है। सेवानिवृत्ति के बाद पूर्व सैनिकों को कई प्रशासनिक और सामाजिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जिनके समाधान के लिए एक विशेष निकाय की आवश्यकता होती है। जिला सैनिक बोर्ड का गठन इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।
मंत्रालय और राज्य सरकारों के बीच समन्वयक की भूमिका निभाएगा बोर्ड: सूबेदार हरिनंदन राय का कहना है कि यह बोर्ड भूतपूर्व सैनिकों और उनके परिजनों को रोजगार, चिकित्सा सहायता, कानूनी परामर्श और अन्य सुविधाओं के लिए मार्गदर्शन प्रदान करेगा। हर जिले में ऐसे बोर्ड स्थापित होने से सैनिकों को सरकारी योजनाओं की जानकारी मिलने में आसानी होगी और वे विभिन्न लाभ भी उठा सकेंगे। विनय कुमार का कहना है कि यह बोर्ड सैनिक कल्याण मंत्रालय और राज्य सरकारों के बीच समन्वयक की भूमिका निभाएगा।
पॉलीक्लिनिक हो सुविधा: मनोज सिंह ने कहा कि ईसीएसएम या पॉलीक्लिनिक सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए। स्वास्थ्य सेवा किसी भी व्यक्ति की प्राथमिक जरूरत होती है। भूतपूर्व सैनिकों के लिए यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे अपने सैन्य जीवन में अत्यधिक शारीरिक श्रम और जोखिम भरे हालातों से गुजरते हैं। सेवा के दौरान लगने वाली चोटें और बढ़ती उम्र के साथ आने वाली बीमारियां उनके जीवन को कठिन बना सकती हैं। ईसीएसएम केंद्र या पॉलीक्लिनिक की सुविधा प्रदान करने से भूतपूर्व सैनिकों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सहायता मिल सकेगी। इसके अलावा सरकार को टेलीमेडिसिन सेवाओं को बढ़ावा देना चाहिए, ताकि दूरदराज के इलाकों में रहने वाले भूतपूर्व सैनिक भी विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श ले सकें।
कैंटीन की व्यवस्था : पूर्व सैनिकों को उनकी दैनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए रियायती दरों पर सामान उपलब्ध कराने के लिए जिले में कैंटीन की व्यवस्था जरूरी है। रामश्रेष्ठ सिंह का कहना है कि वर्तमान में सेना कैंटीन की सेवाएं कुछ बड़े शहरों तक ही सीमित हैं, जिसके कारण दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले पूर्व सैनिक इस सुविधा का लाभ नहीं उठा पाते हैं। अगर हर जिले में कैंटीन की स्थापना हो जाए तो इस समस्या का काफी हद तक समाधान हो सकता है। इसके साथ ही ऑनलाइन कैंटीन सेवाओं को भी विकसित किया जाना चाहिए।
सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इन कैंटीनों में सभी आवश्यक सामान उपलब्ध हों, ताकि सैनिकों को किसी तरह की असुविधा न हो। सरकार को चाहिए कि पूर्व सैनिकों को जमीन खरीदने पर स्टांप ड्यूटी से पूरी छूट दी जाए। इसके अलावा पूर्व सैनिकों के लिए विशेष आवास योजनाएं लाई जाएं, जिसमें उन्हें रियायती दरों पर जमीन और मकान उपलब्ध कराए जाएं। साथ ही जमीन की खरीद और निबंधन की प्रक्रिया को सरल बनाना जरूरी है। ताकि वे कानूनी पचड़ों में न फंसें।
इस संबंध में एसडीओ दिलीप कुमार ने कहा कि डीएम जिले में पूर्व सैनिकों की समस्याओं का समाधान कर रहे हैं। इसके लिए डीएम सैनिक कल्याण समितियों की बैठकें आयोजित की जा रही हैं। शिकायतों का समाधान किया जा रहा है। इतना ही नहीं, समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर हल करने के निर्देश भी दिए जा रहे हैं। अगर कोई अन्य समस्या है तो वे कार्य समय में कार्यालय में आकर हमसे मिल सकते हैं। उनकी समस्याओं के समाधान के लिए हर संभव उपाय किए जाएंगे।