Samastipur News : समस्तीपुर में एक रुपए किलो भी नहीं बिक रहा टमाटर ! नाराज किसानों ने किया प्रर्दशन, MSP की मांग.

Samastipur News : समस्तीपुर जिले के ताजपुर फल सब्जी मंडी में टमाटर के थोक दाम गिरकर एक रुपये प्रति किलो पर आ गए हैं। जिससे किसानों को जबरदस्त नुकसान उठाना पड़ रहा है। किसान फसल की लागत का भी खर्च नहीं निकाल पा रहे हैं। इससे नाराज किसानों ने अखिल भारतीय किसान महासभा के बैनर तले प्रदर्शन किया। इस दौरान किसानों ने बेचने के लिए लाए कई क्विंटल टमाटर सड़क पर ही फेंक दिया। इस दौरान किसान संगठनों ने राज्य सरकार से मांग की है कि वे टमाटर उत्पादक किसानों के हितों की रक्षा के लिए तुरंत उचित कदम उठाएं।

जानकारी के मुताबिक, किसानों को मंडी में 1 और 2 रुपए किलो का भाव मिल रहा है, ऐसे में उन्होंने जितनी लागत टमाटर की फसल पैदा करने में लगाई, वह भी नहीं निकल पा रही है, जिससे उन्हें भारी नुकसान हो रहा है। गुरुवार को जब बिक्री के लिए टमाटर लेकर पहुंचे किसानों को एक रुपये किलो के भाव मिले तो उन्होंने टमाटर सड़क पर ही फेंक कर अपना रोष व्यक्त किया।

 

ताजपुर थोक मंडी में टमाटर बेचने आए मोतीपुर के किसान ललन दास ने बताया कि मेरा परिवार हर साल टमाटर और बंधा गोभी की खेती करता है, जिससे परिवार का भरण पोषण होता रहा है। उन्होंने बताया कि इस सीजन खेत ठेका पर लेकर दो एकड़ में 9 हजार की दवाएं, 10 हजार का बीज, 3 हजार का सिंचाई पानी समेत मजदूरी की राशि जोड़ने पर लगभग 80 हजार का खर्च आया। ये खर्च भी निकालना मुश्किल हो रहा है। फसल के भाव गिरने से उन्हें खेती में भारी घाटा उठाना पड़ रहा है।

वहीं एक अन्य किसान ने बताया कि मंडी में 1 रुपया किलो में भी कोई फसल खरीदने वाला नहीं है। जिससे फसल की लागत निकालना भी मुश्किल हो रहा है। साथ में बंधा गोभी की भी कीमत नहीं मिल रही है। उन्होंने बताया कि 2 लाख रुपये का कर्ज लेकर माटर की बुवाई की थी, लेकिन इस बार भाव गिरने से उन्हें खेती में भारी नुकसान हुआ है।

वहीं, अखिल भारतीय किसान महासभा के जिला सचिव ललन कुमार ने बताया कि किसान कॉर्पोरेट कंपनी से महंगे बीज खाद पेस्टिसाइड खरीद कर खेती करते हैं। सिंचाई से लेकर फसल की तुड़ाई और धुलाई देकर मंडी तक फसल को पहुंचाते हैं, लेकिन मंडी में आने पर उन्हें लागत भी नहीं मिल पा रहा है। एक-दो दिन इंतजार के बाद किसानों को टमाटर या अन्य उत्पादन फेंकना पड़ जाता है। उन्होंने कहा कि किसान लंबे समय से सरकार से टमाटर और अन्य सब्जियों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) घोषित करने की मांग कर रहे हैं। लेकिन सरकार किसानों की मांग को सुन नहीं रही है।

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