Bihar Government School : बिहार के स्कूलों में प्रैक्टिकल में वसूली, 10वीं के लिए 300, 12वीं के 500.

बिहार शिक्षा विभाग के टोल फ्री नंबर पर अवैध वसूली की 300 से अधिक शिकायतें दर्ज कराई गई हैं। दस दिनों में विभाग की ओर से अगस्त में ही जारी किए गए टोल फ्री नंबर पर 358 शिकायतें राज्य के अलग-अलग जिले से दर्ज कराई गई हैं। इनमें सबसे अधिक 10वीं और 12वीं में प्रैक्टिकल के नाम पर राशि वसूलने का है। छात्रों ने शिकायत में कहा कि स्कूलों में प्रैक्टिकल में अच्छे अंक देने के लिए शिक्षक और हेडमास्टर की ओर से पैसे की मांग की जा रही है। इसके अलावा स्कूल में अपार कार्ड बनाने के नाम पर भी अवैध वसूली शुरू हो गई है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने स्कूलों से संबंधित शिकायतों के लिए यह व्यवस्था की है

यहीं नहीं टोल फ्री नंबर पर स्कूल से मध्याह्न भोजन का राशन बेच कर पैसे लेने, विकास कोष की राशि का गबन करने, स्कूल में कंपोजिट ग्रांट की राशि की निकासी होने, लेकिन एक भी रुपया खर्च नहीं करने आदि से संबंधित शिकायतें शिक्षा विभाग के पास पहुंची हैं।

विभाग की ओर से अगस्त महीने में ही जारी किया गया था टोल फ्री नंबर मालूम हो कि शिक्षा विभाग की ओर से अगस्त में ही शिक्षा संबंधी समस्याओं के निवारण के लिए टोल फ्री नंबर और मोबाइल नंबर जारी किया गया था। राज्य के कोने- कोने से शिक्षा से संबंधित शिकायतों को सुनने के लिए और उसे दर्ज करने के लिए कमांड एंड कंट्रोल सेंटर स्थापित किया गया है। इसी सेंटर के माध्यम से राज्यभर से आई शिकायतों को दर्ज किया जा रहा है। इसमें एमडीएम संबंधित, विद्यालय से संबंधित, शिक्षक से संबंधित, छात्र- छात्रा (योजना से संबंधित) किसी भी शिक्षक, छात्र- छात्रा से विभिन्न कार्य के लिए शिक्षा विभाग के कर्मचारी की ओर से अवैध वसूली की सूचना दी जा सकती है।

इस तरह की शिकायतें दर्ज कराई गई हैं

● स्कूल में 10वीं क्लास के बच्चों से प्रैक्टिकल के नाम पर लिया गया है

● बारहवीं के छात्रों से प्राचार्य की ओर से 500 रुपया प्रैक्टिकल के नाम पर लिया गया है, इसकी जांच हो

● स्कूल में प्रैक्टिकल के नाम पर 300 रुपया लिया जा रहा है, रसीद भी नहीं दी जा रही है

● स्कूल में 10वीं कक्षा के बच्चों का अपार कार्ड बनाने के लिए पैसा लिया जा रहा है

शिक्षा विभाग गंभीर, कराई जाएगी जांच, दोषी पाए जाने पर होगी कार्रवाई

विभाग की ओर से कहा गया है कि टॉलफ्री नंबर पर दर्ज कराई गई शिकायतों की जांच कराई जाएगी। जांच में दोषी पाए जाने पर संबंधित शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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