समस्तीपुर ज़िले के ताजपुर में सड़क हादसे आम हो चुके हैं। आए दिन होने वाली दुर्घटनाओं से स्थानीय लोग भयभीत हैं। तेज रफ्तार, अव्यवस्थित यातायात और अतिक्रमण जैसी समस्याओं ने इन हादसों को और बढ़ा दिया है। क्या इन दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए कोई ठोस कदम उठाया जाएगा, या यूं ही बेकसूर लोगों की जान जाती रहेगी?
ताजपुर के विभिन्न हिस्सों में लगातार हो रही सड़क दुर्घटनाएँ प्रशासन की लापरवाही को उजागर करती हैं। बीते पांच दिनों में तीन लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें एक मासूम बच्चा भी शामिल है। आधा दर्जन लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। खासतौर पर राजधानी रोड, एनएच-28 और नगर परिषद रोड हादसों के प्रमुख केंद्र बन गए हैं।
स्थानीय लोग मानते हैं कि इन दुर्घटनाओं की सबसे बड़ी वजह तेज रफ्तार वाहन, चौक-चौराहों पर अव्यवस्थित यातायात, अतिक्रमण और ट्रैफिक पुलिस की अनुपस्थिति है। खासकर कोल्ड स्टोरेज चौक, चांदनी चौक और गांधी चौक जैसे स्थानों पर दुर्घटनाएँ अधिक हो रही हैं। कोल्ड स्टोरेज चौक को सबसे खतरनाक माना जा रहा है, क्योंकि यह राजधानी रोड और ताजपुर-पूसा राजकीय पथ का मिलन बिंदु है।
अतिक्रमण और अव्यवस्थित यातायात की भूमिका:
ताजपुर में फोरलेन सड़क निर्माण का कार्य जारी है, जिससे यातायात व्यवस्था प्रभावित हो रही है। भीड़भाड़ वाले इलाकों, जैसे थाना मोड़, हॉस्पिटल चौक और बाजार क्षेत्र में दिनभर बड़े वाहनों की आवाजाही बनी रहती है। इसके अलावा, कोल्ड स्टोरेज चौक पर ऑटो और टोटो चालकों का जमावड़ा रहता है, जिससे सड़क पर अव्यवस्था फैलती है और दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है।
समाधान के संभावित उपाय:
विशेषज्ञों का मानना है कि ताजपुर में स्थायी ट्रैफिक पुलिस चौकी स्थापित किए बिना सड़क दुर्घटनाओं पर नियंत्रण पाना मुश्किल है। इसके अलावा, कुछ अन्य उपाय इस प्रकार हो सकते हैं:
- मुख्य चौक-चौराहों पर वाहनों की गति सीमा तय करना और उसका कड़ाई से पालन कराना।
- बाजार क्षेत्र में बड़े वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाना।
- अतिक्रमण हटाकर सड़क को चौड़ा करना।
- दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे और ट्रैफिक लाइट्स की व्यवस्था करना।
- स्थानीय प्रशासन द्वारा नियमित रूप से यातायात जागरूकता अभियान चलाना।