यज्ञ की परम्परा प्राचीन है- जीवन में यज्ञ ज़रूरी -जगद्गुरु स्वामी रामचन्द्राचार्य

*जगन्नाथ मंदिर में यज्ञ की हुई पूर्णाहुति

(हरिप्रसाद शर्मा)नैमिषारण्य तीर्थ / सीतापुर/ भगवान श्रीजगन्नाथ के द्वितीय वार्षिक पाटोत्सव एवं श्री लक्ष्मीनारायण यज्ञ की पूर्णाहुति विद्वान पंडितों द्वारा की गई ।

रामानुजाचार्य पुष्कर पीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी रामचन्द्राचार्य ने भक्तों की यज्ञीय महिमा का वर्णन किया । उन्होंने कहा कि जीवन में यज्ञ ज़रूरी है । जगद्गुरु ने कहा कि यह यज्ञ विश्व शांति एवं देश की ख़ुशहाली के लिए किया गया । यज्ञ के यजमान सुश्री अर्चना गुप्ता ने कहा कि लोगों की आस्था श्रद्धा व वि़श्वास युवाओं में यज्ञ के प्रति बढ़ना चाहिए ।

स्वामी रामचन्द्राचार्य ने कहा कि यज्ञ से वातावरण की शुद्धि के लिए किया जाता है । यज्ञ की परम्परा प्राचीन है । जो हमें ऋषि मुनियों से विरासत में मिली है ।

यज्ञ के दर्शन हेतु परम पूज्य संत लक्ष्मी प्रपन्ना त्रिदण्डी स्वामी ,बक्सर एवं स्वामी राम भद्राचार्य बलिया,गया पीठाधीश्वर जगद्गुरु व पुष्कर अष्ठ भू बैकुंठ आश्रम के स्वामी वेंकटेश प्रपन्नाचार्य की उपस्थिति रहे। यह विद्वान पंडित नन्दकिशोर शास्त्री, आचार्य गुरूप शास्त्री के द्वारा जगद्गुरु स्वामी रामचन्द्राचार्य के सान्निध्य में रविवार को पूर्ण हुआ । यज्ञ शाला की हज़ारों भक्तों ने परिक्रमा कर पुण्य कमाया है । इसी के साथ जगन्नाथ मंदिर के द्वितीय वार्षिक पाटोत्सव एवं श्री लक्ष्मीनारायण यज्ञ पूर्ण हुआ ।

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