भारत में कई ऐतिहासिक और प्राकृतिक स्थल हैं जो अपनी सुंदरता और महत्व के कारण पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। बिहार के मुंगेर जिले में स्थित ऋषिकुंड भी ऐसा ही एक स्थान है, जो अपने गर्म जलकुंड और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है। अब इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना बनाई गई है। सरकार ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना को स्वीकृति प्रदान कर दी है और इसके सौन्दर्यीकरण का कार्य जल्द ही प्रारंभ होने वाला है।
प्राकृतिक सौन्दर्य से परिपूर्ण ऋषिकुंड
ऋषिकुंड, खड़गपुर प्रखंड अंतर्गत पहाड़ की तराई में स्थित एक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल है। यह स्थान गर्म जलकुंड के लिए प्रसिद्ध है, जहां सालभर गर्म पानी के श्रोत बहते रहते हैं। इन जलकुंडों का धार्मिक और चिकित्सीय महत्व भी है। कहा जाता है कि इस जल में स्नान करने से कई प्रकार की बीमारियों से मुक्ति मिलती है।
पर्यटन स्थल के रूप में होगा विकास
सरकार ने ऋषिकुंड को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है। इसके तहत यहां अवस्थित सभी 12 कुंडों का सौन्दर्यीकरण किया जाएगा। इसके अलावा पार्क और आसपास के क्षेत्रों को भी आकर्षक बनाया जाएगा। इस कार्य के लिए पर्यटन विकास निगम को जिम्मेदारी दी गई है, जो इसे आधुनिक सुविधाओं से युक्त करेगा।
सरकार ने दी स्वीकृति, कार्य जल्द होगा शुरू
मुंगेर जिला प्रशासन द्वारा ऋषिकुंड के सौन्दर्यीकरण का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया था, जिसे 24 फरवरी को स्वीकृति प्रदान कर दी गई। इसके साथ ही सरकार ने 21 करोड़ 10 लाख 15 हजार रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति भी प्रदान की है। प्रथम किश्त के रूप में 10 करोड़ रुपये की राशि जारी कर दी गई है, ताकि सौन्दर्यीकरण कार्य में किसी प्रकार की वित्तीय बाधा न आए।
भव्य प्रवेश द्वार और आधुनिक सुविधाएं
ऋषिकुंड को एक अत्याधुनिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए कई नई संरचनाएं बनाई जाएंगी। इसमें एक भव्य प्रवेश द्वार का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा—
- सभी 12 जलकुंडों का विकास किया जाएगा।
- 2 मुख्य कुंडों के चारों ओर सीढ़ियां और कॉरिडोर बनाया जाएगा।
- श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए शौचालय और महिलाओं के लिए चेंजिंग रूम का निर्माण किया जाएगा।
- पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था की जाएगी।
- दुकानों के लिए स्टॉल बनाए जाएंगे और वाहनों के लिए पार्किंग स्थल तैयार किया जाएगा।
- पर्यटकों के बैठने के लिए सिटिंग बेंच लगाई जाएंगी।
- निर्माण कार्य वास्तुविदों की देखरेख में होगा ताकि स्थल की सुंदरता और परंपरागत स्वरूप बना रहे।
18 माह में पूरा होगा सौन्दर्यीकरण कार्य
सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि सौन्दर्यीकरण कार्य समय पर पूरा हो। इसके लिए 24 फरवरी को आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी किया गया। पर्यटन विकास निगम इस कार्य को पूरा करेगा और इसे 18 महीनों के भीतर समाप्त करने का लक्ष्य रखा गया है। डीएम अवनीश कुमार सिंह ने बताया कि निगम को दो माह के भीतर टेंडर प्रक्रिया पूरी करने और मई के पहले सप्ताह तक निर्माण कार्य शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं।
पर्यटन बढ़ेगा, स्थानीय लोगों को मिलेगा रोजगार
सौन्दर्यीकरण कार्य पूरा होने के बाद ऋषिकुंड एक प्रमुख पर्यटन स्थल बन जाएगा। अधिक संख्या में पर्यटक यहां आएंगे और गर्म जलकुंड का आनंद लेंगे। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा और आसपास के लोगों को रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे।
मुख्यमंत्री ने देखा था प्रजेंटेशन
5 फरवरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी प्रगति यात्रा के दौरान मुंगेर का दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने ऋषिकुंड के प्राकृतिक सौन्दर्य का अवलोकन किया और वहां के गर्म जलकुंडों को देखा। जिला प्रशासन ने इस अवसर पर ऋषिकुंड के विकास की योजना का एक प्रजेंटेशन दिखाया था, जिसे मुख्यमंत्री ने काफी सराहा। इसी के बाद उन्होंने ऋषिकुंड के विकास की घोषणा की और 24 फरवरी को इस परियोजना को स्वीकृति मिल गई।
निष्कर्ष
ऋषिकुंड का सौन्दर्यीकरण न केवल मुंगेर जिले के पर्यटन को बढ़ावा देगा, बल्कि यह धार्मिक और प्राकृतिक महत्व वाले इस स्थल को देशभर में पहचान दिलाने में सहायक होगा। सरकार के इस प्रयास से न केवल पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए भी रोजगार के नए द्वार खुलेंगे। अगले 18 महीनों में यह स्थान एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो जाएगा, जहां लोग प्रकृति की गोद में गर्म जलकुंडों का आनंद ले सकेंगे।