बुधवार की सुबह मंडल कारा में पगली घंटी बजते ही जेल के अंदर अफरा-तफरी मच गई। जेल में बंद विचाराधीन कैदियों के दो गुटों के बीच बाथरूम पहले जाने को लेकर विवाद हो गया, जो बाद में हाथापाई और मारपीट में बदल गया। इस झगड़े को बढ़ता देख जेल की सुरक्षा में तैनात सिपाहियों ने तुरंत पगली घंटी बजाई। घंटी बजते ही जेल प्रशासन सतर्क हो गया और तुरंत पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे।
झगड़े की शुरुआत
जानकारी के अनुसार, सुबह-सुबह बंदियों के बीच बाथरूम इस्तेमाल करने को लेकर बहस शुरू हुई। चूंकि जेल में बंदियों की संख्या अधिक होती है और संसाधन सीमित होते हैं, इसलिए कई बार बारी-बारी से बाथरूम जाने को लेकर आपसी सहमति बनानी पड़ती है। हालांकि, इस बार सहमति न बन पाने के कारण दो गुटों के बीच विवाद शुरू हो गया, जो जल्द ही हिंसक झड़प में बदल गया।
दो गुटों में हुई मारपीट
बाथरूम जाने को लेकर हुए इस विवाद ने जल्द ही उग्र रूप धारण कर लिया। दोनों गुटों में शामिल करीब दो दर्जन कैदी आपस में भिड़ गए। पहले तो केवल बहस हुई, लेकिन देखते ही देखते यह बहस मारपीट में बदल गई। बंदियों ने एक-दूसरे पर लात-घूंसे बरसाने शुरू कर दिए। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि जेल में तैनात सुरक्षाकर्मियों को मजबूरन पगली घंटी बजानी पड़ी, ताकि अन्य सुरक्षाकर्मी और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर तुरंत पहुंच सकें।
जेल प्रशासन की त्वरित कार्रवाई
पगली घंटी की आवाज सुनते ही जेल अधीक्षक सहित कई सुरक्षाकर्मी मौके पर पहुंचे। उन्होंने स्थिति को काबू में लाने के लिए हल्का बल प्रयोग किया। सुरक्षाकर्मियों की तत्परता के कारण मामला ज्यादा नहीं बिगड़ा और कुछ ही देर में मारपीट करने वाले बंदियों को अलग कर दिया गया। जेल प्रशासन ने तुरंत सभी घायलों का इलाज जेल के अंदर मौजूद अस्पताल में ही कराया।
10 बंदी हुए घायल
इस झगड़े में करीब 10 बंदी चोटिल हो गए। हालांकि, किसी को गंभीर चोट नहीं आई, इसलिए किसी भी घायल बंदी को सदर अस्पताल में रेफर नहीं किया गया। सभी का उपचार जेल परिसर में स्थित अस्पताल में ही किया गया। अस्पताल में तैनात स्वास्थ्यकर्मियों ने घायलों की जांच की और प्राथमिक उपचार दिया।
स्थिति सामान्य, बाहर से पुलिस बल की जरूरत नहीं
मंडल कारा अधीक्षक किरण निधि ने बताया कि स्थिति नियंत्रण में है और किसी भी बंदी को गंभीर चोट नहीं आई है। उन्होंने कहा कि जेल पुलिस की तत्परता से मामला जल्द ही शांत कर दिया गया, जिससे कोई बड़ी घटना नहीं घटी। चूंकि स्थिति पूरी तरह सामान्य थी, इसलिए बाहर से अतिरिक्त पुलिस बल मंगाने की आवश्यकता नहीं पड़ी।
भविष्य में ऐसे विवाद रोकने के उपाय
इस घटना के बाद जेल प्रशासन ने बंदियों को चेतावनी दी है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। साथ ही, जेल के अंदर व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए नई योजनाओं पर विचार किया जा रहा है, ताकि इस तरह के विवाद दोबारा न हों। जेल प्रशासन अब बंदियों की संख्या के अनुसार बाथरूम उपयोग करने के लिए एक व्यवस्थित शेड्यूल बनाने पर विचार कर रहा है।
निष्कर्ष
बाथरूम जैसी छोटी सी बात पर हुए इस विवाद ने जेल प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि, जेल प्रशासन ने तेजी से कार्रवाई कर स्थिति को संभाल लिया, लेकिन यह घटना दर्शाती है कि जेल में संसाधनों की उचित उपलब्धता और प्रबंधन की कितनी आवश्यकता है।