बिहार के एडीजी सीआईडी पारस नाथ ने मुंगेर का दौरा किया, जहां उन्होंने जिले के सभी उच्च अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में मुंगेर के डीआईजी राकेश कुमार, एसपी सैयद इमरान मसूद, डीएसपी, इंस्पेक्टर और जिले के सभी थानों के थाना प्रभारी उपस्थित थे। बैठक के दौरान लंबित मामलों की समीक्षा की गई और उनके शीघ्र निष्पादन के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।
लंबित अपराधों के शीघ्र निष्पादन पर जोर
बैठक के दौरान एडीजी सीआईडी पारस नाथ ने जिले में लंबित अपराधों और कांडों की गहन समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि अपराधों के त्वरित निष्पादन के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अपराध नियंत्रण में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
डिजिटलीकरण की ओर बढ़ते कदम
बैठक में थानों के डिजिटलीकरण को लेकर भी चर्चा हुई। एडीजी पारस नाथ ने बताया कि सरकार ने सभी थानों में डिजिटल उपकरणों की खरीद के लिए 192 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इस राशि से थानों में कंप्यूटर, लैपटॉप और अन्य डिजिटल उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे पुलिस प्रशासन को अधिक प्रभावी बनाया जा सके।
उन्होंने कहा कि अगले पांच वर्षों में सभी थानों को पूरी तरह से डिजिटल करने का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन उनका प्रयास रहेगा कि यह कार्य निर्धारित समय सीमा से पहले ही पूरा हो जाए।
डिजिटल साक्ष्यों को मिलेगी वैधता
एडीजी पारस नाथ ने नए कानूनों के तहत डिजिटल साक्ष्यों के महत्व को समझाया। उन्होंने कहा कि अब डिजिटल साक्ष्यों को प्रमाणित करने के लिए अलग से गवाह की आवश्यकता नहीं होगी। इससे न्याय प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और सुगम होगी।
डिजिटलीकरण से यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि:
1. गवाह अपने बयान से मुकर न सकें।
2. अपराधों में दर्ज साक्ष्यों के साथ किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ न हो।
3. पुलिस प्रशासन में पारदर्शिता और कार्यक्षमता बढ़े।
पुलिस कर्मियों के लिए कंप्यूटर ट्रेनिंग अनिवार्य
बैठक के बाद एडीजी ने एसपी को निर्देश दिया कि सभी थानों में पुलिस कर्मियों के लिए प्रतिदिन एक घंटे की कंप्यूटर ट्रेनिंग कराई जाए। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी पुलिस अधिकारी और कर्मचारी डिजिटल प्रणाली को आसानी से समझ सकें और इसका बेहतर उपयोग कर सकें।
उन्होंने कहा कि डिजिटल ट्रेनिंग से पुलिस प्रशासन का कार्यभार हल्का होगा और अपराधों की जांच अधिक प्रभावी तरीके से हो सकेगी।
निष्कर्ष
मुंगेर में एडीजी सीआईडी पारस नाथ की इस बैठक के दौरान अपराध नियंत्रण, लंबित मामलों के त्वरित निष्पादन और थानों के डिजिटलीकरण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई। सरकार के सहयोग से थानों को पूरी तरह डिजिटल बनाने का लक्ष्य तय किया गया है, जिससे पुलिस प्रशासन अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनेगा। पुलिस कर्मियों को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के लिए कंप्यूटर प्रशिक्षण की शुरुआत की जाएगी, जिससे वे नए डिजिटल सिस्टम के अनुरूप कार्य कर सकें।