मुंगेर में ‘प्रधानमंत्री जन औषधि सप्ताह’ के अंतर्गत चौथे दिन विशेष कार्यक्रम ‘एक कदम मातृशक्ति की ओर’ का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम मुंगेर सदर अस्पताल स्थित प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र पर आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य महिलाओं के स्वास्थ्य एवं सशक्तिकरण को बढ़ावा देना था।
विशिष्ट अतिथियों द्वारा कार्यक्रम का उद्घाटन
इस कार्यक्रम का शुभारंभ नगर निगम की मेयर कुमकुम देवी, डॉ. अर्चना, प्रधानमंत्री जन औषधि परियोजना के बिहार नोडल पदाधिकारी कुमार पाठक, वरिष्ठ पत्रकार कुमार कृष्णन और औषधि केंद्र के संचालक राकेश कुमार द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया। इस अवसर पर उपस्थित अतिथियों ने महिलाओं के स्वास्थ्य, सशक्तिकरण और जन औषधि योजना के महत्व पर प्रकाश डाला।
महिला सशक्तिकरण और जन औषधि योजना का योगदान
मेयर कुमकुम देवी ने अपने संबोधन में कहा कि महिला सशक्तिकरण सरकार की प्राथमिकताओं में हमेशा से रहा है। उन्होंने बताया कि स्वच्छता और स्वास्थ्य का प्रश्न अत्यंत महत्वपूर्ण है और प्रधानमंत्री जन औषधि योजना ने इसे प्रमुखता दी है। इस योजना के माध्यम से महिलाओं को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाइयां उपलब्ध कराई जा रही हैं, जिससे वे अपने और अपने परिवार के स्वास्थ्य का बेहतर तरीके से ध्यान रख सकें। उन्होंने यह भी कहा कि महिलाएं इस योजना का लाभ उठाएं और इसे समाज में फैलाएं ताकि अधिक से अधिक लोग इससे जुड़ सकें। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि स्वस्थ और खुशहाल समाज का निर्माण तभी संभव है जब सभी नागरिक स्वस्थ होंगे।
महिला स्वास्थ्य और जन औषधि केंद्रों की भूमिका
कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि डॉ. अर्चना ने कहा कि महिलाओं तक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है, विशेषकर ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाओं के लिए। उन्होंने बताया कि मासिक धर्म, गर्भावस्था, रजोनिवृत्ति, स्तन कैंसर और मानसिक स्वास्थ्य जैसे विषय महिलाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने महिलाओं को उचित पोषण लेने पर जोर देते हुए कहा कि कैल्शियम, विटामिन डी और आयरन जैसे पोषक तत्वों का सेवन आवश्यक है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों पर इनसे संबंधित दवाएं और पोषक तत्व किफायती दरों पर उपलब्ध हैं।
महंगाई के दौर में सस्ती दवाओं की जरूरत
वरिष्ठ पत्रकार कुमार कृष्णन ने कहा कि इलाज के दौरान होने वाले कुल खर्च का 70% हिस्सा दवाइयों पर खर्च होता है। उन्होंने बताया कि सरकार ने लोकसभा में यह जानकारी दी थी कि महंगे इलाज और दवाओं के कारण हर साल 3 करोड़ 8 लाख लोग गरीबी रेखा से नीचे चले जाते हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों के माध्यम से सस्ती जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराना एक बहुत बड़ी राहत है।
जन औषधि परियोजना: बचत, सुरक्षा और स्वास्थ्य की गारंटी
प्रधानमंत्री जन औषधि परियोजना के बिहार नोडल पदाधिकारी कुमार पाठक ने कहा कि यह योजना सभी वर्गों की जरूरतों का ध्यान रखती है। उन्होंने बताया कि ‘जननी’ नामक प्रोटीन युक्त पूरक महिलाओं की अतिरिक्त पोषण आवश्यकताओं को पूरा करता है। इसमें प्रोटीन, डीएचए, फोलिक एसिड, कैल्शियम, आयरन और 27 आवश्यक विटामिन व खनिज होते हैं। यह 250 ग्राम का टिन मात्र 230 रुपये में उपलब्ध है। उन्होंने मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता पर जोर देते हुए बताया कि जन औषधि नैपकिन्स बायोडिग्रेडेबल और किफायती हैं, जो महिलाओं को स्वच्छता बनाए रखने और संक्रमण से बचाने में मदद करते हैं। ये नैपकिन्स सभी जन औषधि केंद्रों पर आसानी से उपलब्ध हैं।
सम्मान और प्रेरणादायक घोषणाएं
समारोह में प्रधानमंत्री जन औषधि परियोजना के नोडल पदाधिकारी कुमार पाठक ने नगर निगम की मेयर कुमकुम देवी को स्मृति चिन्ह प्रदान किया। वहीं, डॉ. अर्चना ने मेयर को अंग वस्त्र देकर ‘मातृशक्ति सम्मान’ से सम्मानित किया। नगर निगम की मेयर कुमकुम देवी और डॉ. अर्चना ने ‘जो रखे परिवार का ख्याल, जन औषधि करे उनका सम्मान’ के उद्घोष के साथ ‘जीविका’ संस्था को भी स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। समारोह में विभिन्न वार्डों की महिला वार्ड पार्षदों सहित विभिन्न तबके की महिलाओं ने भाग लिया। इस अवसर पर संजय पोद्दार, अशोक पटेल, ललित, विक्की घोष, गोविंद, रघुवंश नारायण सिंह सहित बड़ी संख्या में गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
जन जागरूकता अभियान की आवश्यकता
मेयर कुमकुम देवी ने महिलाओं से आह्वान किया कि वे इस योजना का संदेश अपने परिवार और समाज तक पहुंचाएं। उन्होंने व्यापक स्तर पर जन जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि प्रधानमंत्री जन औषधि योजना का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुँच सके। उन्होंने कहा कि सबके सहयोग से ही ‘स्वस्थ भारत, सुखी भारत’ की परिकल्पना को साकार किया जा सकता है।