मुंगेर जिला अंतर्गत गंगापार क्षेत्र के कुतलुपुर दियारा गांव में बीती देर रात एक भीषण अग्निकांड की घटना सामने आई, जिसने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार, देर रात अचानक आग लगने की घटना सामने आई, जिसमें पांच फूस के मकान जलकर पूरी तरह खाक हो गए। इस हादसे में लाखों की संपत्ति का नुकसान हुआ है। हालांकि, गनीमत रही कि इस आगलगी में कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन गांव में अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
खाना बनाते वक्त लगी आग, तेजी से फैली लपटें
स्थानीय लोगों के अनुसार, यह अग्निकांड रात्रि के समय उस वक्त हुआ जब गांव के एक घर में खाना बनाया जा रहा था। आशंका जताई जा रही है कि चूल्हे की चिंगारी या गैस रिसाव के कारण अचानक आग भड़क उठी। गर्म और शुष्क मौसम के कारण आग ने बेहद तेजी से फैलते हुए आस-पास के चार अन्य घरों को अपनी चपेट में ले लिया। देखते ही देखते लपटें इतनी तेज हो गईं कि लोगों को घर छोड़कर भागना पड़ा।
इन ग्रामीणों के घर हुए स्वाह
इस अग्निकांड में गांव के महेंद्र राम, नेपू राम, हरे राम, कमलेश राम और अमलेश राम के घर पूरी तरह जलकर नष्ट हो गए। इन घरों में रखा सारा सामान—कपड़े, अनाज, बर्तन, बिस्तर, जरूरी कागजात और नकद राशि—सब कुछ जलकर राख हो गया। लोग सिर्फ अपने जान की सलामती लेकर किसी तरह घरों से बाहर निकल पाए। पीड़ित परिवारों की स्थिति अत्यंत दयनीय हो गई है और अब उनके पास सिर छुपाने के लिए भी कोई ठिकाना नहीं बचा है।
ग्रामीणों और दमकल विभाग की तत्परता से टली बड़ी दुर्घटना
घटना की सूचना मिलते ही ग्रामीणों ने तत्परता दिखाई और बाल्टी, मिट्टी और पानी की सहायता से आग बुझाने की कोशिश शुरू कर दी। साथ ही दमकल विभाग को भी तत्काल सूचना दी गई। सूचना पाकर दमकल की टीम मौके पर पहुंची और ग्रामीणों की मदद से काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। हालांकि तब तक आग अपना कहर दिखा चुकी थी और पांच घर पूरी तरह राख में तब्दील हो चुके थे।
कोई बड़ी जनहानि नहीं, दो लोग हुए घायल
इस दुर्घटना में सबसे राहत की बात यह रही कि कोई भी व्यक्ति जान गंवाने से बच गया। हालांकि, दो लोग आग की लपटों की चपेट में आकर झुलस गए हैं, जिन्हें तत्काल पास के स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
मौसम में बढ़ती गर्मी और शुष्कता बन रही आगलगी का कारण
गौरतलब है कि मुंगेर जिले में जैसे-जैसे गर्मी का मौसम शुरू हुआ है, वैसे-वैसे आग लगने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। विशेष रूप से फूस और कच्चे मकानों में आग लगने का खतरा अत्यधिक बढ़ गया है। कुतलुपुर की यह घटना इसी कड़ी का एक ताजा उदाहरण है। ऐसे में प्रशासन और ग्रामीणों को सतर्क रहने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सके।
प्रशासन से मदद की मांग
घटना के बाद पीड़ित परिवारों ने प्रशासन से तत्काल सहायता की मांग की है। लोगों ने अपील की है कि उन्हें राहत सामग्री, अस्थायी आवास और आर्थिक सहायता दी जाए, ताकि वे दोबारा अपने जीवन को पटरी पर ला सकें। वहीं, स्थानीय प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है और मुआवजा प्रक्रिया के लिए संबंधित दस्तावेजों का संकलन शुरू कर दिया गया है