CBSE और ICSE बोर्ड में क्या है अंतर? बेहतर भविष्य के लिए बच्चों का कहां कराए एडमिशन..

CBSE vs ICSE Board : हर पेरेंट्स अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए किसी अच्छे स्कूल संस्थान या फिर बेहतरीन बोर्ड से पढ़ाई करवाने की सोचता है. लेकिन कई बार ऐसा होता है कि पेरेंट्स कंफ्यूज हो जाते हैं कि कौन-सा बोर्ड हमारे बच्चों के लिए बेहतर होगा. इसी कड़ी में आज के इस आर्टिकल में आपको बताएंगे कि CBSE और ICSE बोर्ड के बीच क्या अंतर है? और किस बोर्ड में बच्चों का एडमिशन कराना सही रहेगा…

CBSE Board

CBSE का मतलब “केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड” होता है, यह भारत सरकार के अधीन होता है. यह देशभर में सबसे लोकप्रिय बोर्ड भी है. CBSE बोर्ड से संबद्ध स्कूलों की संख्या देशभर में 30 हज़ार से भी ज्यादा है. देश में ज्यादातर प्राइवेट और सरकारी स्कूल CBSE बोर्ड से मान्यता प्राप्त हैं. यही वजह है की इस बोर्ड से पढ़ने से छात्रों को IIT, JEE, NEET, CUET जैसी प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी में मदद मिलती है…..

CISCE Board

ICSE का मतलब “काउंसिल फ़ॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफ़िकेट एग्ज़ामिनेशन” होता है. CISCE बोर्ड के 2 प्रकार है:- ICSE (10वीं) और ISC (12वीं)….CISCE बोर्ड के अंतर्गत सिलेबस में आर्ट्स और साइंस को एक समान महत्व दिया जाता है. इस बोर्ड से मान्यता प्राप्त सभी स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम से ही पढ़ाई होती है, यही वजह है की इस बोर्ड से पढ़ने से छात्रों को IELTS, TOEFL जैसे परीक्षाओं की तैयारी में मदद मिलती है….

किस बोर्ड की सिलेबस हल्का

CBSE बोर्ड और ICSE बोर्ड के सिलेबस एक दूसरे से काफी अलग हैं. CBSE बोर्ड के सिलेबस को ICSE बोर्ड से भी हल्का माना जाता है. CBSE बोर्ड का सिलेबस NCERT के द्वारा तैयार किया जाता है. जबकि ICSE बोर्ड का सिलेबस काफी विस्तृत और कठिन होता है….

कौन-सा बोर्ड रहेगा बेहतर

अगर आप सरकारी या फिर प्राइवेट नौकरी करने वाले पेरेंट्स हैं और आपका ट्रांसफर होता रहता है और आप अपने बच्चे का भविष्य इसी देश में बनाना चाहते हैं तो CBSE बोर्ड एक बेहतर ऑप्शन है लेकिन अगर आप अपने बच्चे को व्यावहारिक ज्ञान देने के साथ ही विदेश में पढ़ाई करवाने का सपना देख रहे हैं तो आप ICSE बोर्ड का चयन कर सकते हैं….

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